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| तो कृपाकर मुझे भी उनके दर्शन कराइये। ऐसे परमपवि महात्माओंके दर्शनसे मैं भी अपने जन्मको पवित्र करूंगी। आप इसबातका विश्वास रखे यदि मेरी निगाह पर बौद्धधर्म का सच्चापन जगगया और वे साधु सच्चे साधु निकले तो मैं तत्काल बौद्धधर्मको धारण करलूंगी । मुझे इसबातका कोई आग्रह नहीं कि मैं जैन धर्मकी ही भक्त बनी रहूं। परंतु विना परिक्षा किये दूसरेके कथनमात्रसे मैं जैनधर्मका परित्याग नहीं करसकती। क्योंकि हेयोपादेयके जानकर जो मनुष्य विना समझेवूझे दूसरेके कथनमात्रसे उत्तम मार्गको छोड दूपरे मार्ग पर चल पड़ते हैं वे शक्ति हीन मूर्ख कहे जाते हैं। ओर किसीप्रकार वे अपनी आत्माका कल्याण नहीं करसकते। महाराणाके ऐसे निष्पक्ष वचनोंसे महाराजको रानीका चित्त कुछ बौद्धधर्मकी ओर खिंचा हुवा दीख पड़ा । एवं रानी के कथनानुसार उन्होंने शीघ्र ही एक मंडप तयार कराया। आर वह प्रामके बाहिर वातकी वातमें वनकर तयार होगया। ____ मंडप तयार होनेपर इधर बौद्धगुरुओंने तो मंडपमें समाधि लगाई । दृष्टिबन्दकर, श्वास रोककर, काष्ठकी पुतलीके समान वे निश्चेष्ट बैठिगये। उधर रानीको भी इसबातका पता लगा वह शीघ्र पालकी तयार कराकर उनके दर्शनार्थ आई । एवं किसी बौद्धगुरुसे बौद्धधमकी बाबत जाननेके, लिये वह प्रश्नभी करने लगी।
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