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अब राज्यकी ओरसे जो उसे सदावर्त देनेका अधिकार देरक्खा है उसे छीन लेना चाहिये । और नंदिग्रामके ब्राह्मणोंको जो नंदिग्राम दे रक्खा है उसे वापिस लेलेना चाहिये । मैं अव अपना वदला विना लिये नहीं मानूंगा । नंदिग्राममें एक भी ब्राह्मणको नहीं रहने दूंगा । तथा क्षण एक ऐसा विचार कर शीघ्र ही महाराज श्रेणिकने एक राजसेवक बुलाया । और उसे यह कहदिया जाओ अभी तुम नंदिग्राम चले जाओ और वहांके ब्राह्मगोंसे कह दो शीघही नंदिग्राम खाली करदें।
इधर महाराजने तो नंदिग्रामके विप्रोंको निकालनेकेलिये आज्ञा दी उधर मत्रियोंके का नतक भी यह समाचार जा पहुंचा। वे दौड़ते दौड़ते तत्काल ही महाराजके पास आये । और विन यसे कहने लगे।
राजन् आप यह क्या अनुचित काम करना चाहते हैं ? इससे बड़ी भारी हानि होगी । पीछे आपको पछिताना पड़ेगा । आप भलेप्रकार सोच विचार कर काम करें । मंत्रियोंके ऐसे वचन सुन महाराजके नेत्र और भी लाल होगये । मारे क्रोधके उनके नेत्रोंसे रक्तकी धारासी वहने लगी । और गुस्सामें भरकर वे यह कहने लगे।
हे राजमंत्रियो ! सुनो नंदिग्रामके विषोंने मेरा बड़ा परा मव किया है । जिससमय मैं राजगृहसे निकल गया था, उस समय में नंदिग्राममें जा पहुंचा था । नंदिग्राममें पहुंचते ही
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