Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयबोधिनी टीका पद २८ सू० ४ द्वीन्द्रियादीनां सचित्ताहारादिनिरूपणम् ५७७ वर्षसहस्रयोः सातिरेकयोः, उत्कृष्टेन सप्तानां वर्षसहस्राणां सातिरेकाणाम्, ब्रह्मलोके पृच्छा, गौतम ! जघन्येन सप्तानां वर्षसहस्राणाम् , उत्कृष्टेन दशानां वर्षसहस्राणाम्, लान्तके खल पृच्छा, गौतम ! जघन्येन दशानां वर्षसहस्राणाम्, उत्कृष्टेन चतुर्दशानां वर्षसहस्राणाम्, महाशुक्रे खलु पृच्छा, गौतम ! जघन्येन चतुर्दशानां वर्षसहस्राणाम्, उत्कृष्टेन सप्तदशानां वर्षसहस्राणाम्, सहस्रारे पृच्छा, गौतम ! जघन्येन सप्तदशानां वर्षसहस्राणाम, उत्कृष्टेन कल्प संबंधी प्रश्न ? (गोयमा ! जहण्णेणं दोण्हं वाससहस्साणं सातिरेगाणं) हे गौतम ! जघन्य दो हजार वर्ष से कुछ अधिक काल में (उकोसेणं सत्तण्हं याससहस्साणं सातिरेगाणं) उत्कृष्ट कुछ अधिक सात हजार वर्ष में (बंभलोए पुच्छा) ब्रह्मलोक संबंधी प्रश्न (गोयमा जहण्णेणं सत्तण्हं वाससहस्साणं) हे गौतम ! जघन्य सात हजार वर्ष में (उक्कोसेणं दसण्हं वासससहस्साण) उत्कृष्ट दश हजार वर्ष में (लंतए णं पुच्छा) लान्तक संबंधी प्रश्न ? (गोयमा ! जहण्णेणं दसहं वाससहस्साई) हे गौतम ! जघन्य दश हजार वर्ष (उक्कोसेणं चउदसण्हं वाससहस्साण) उत्कृष्ट चौदह हजार वर्ष (महासुक्के णं पुच्छा ?) महाशुक्रविमान संबंधी प्रश्न (गोषमा ! जहणणेणं च उदसण्हं वाससहस्साणं) हे गौतम ! जघन्य चौदह हजार वर्ष में (उक्कोसेणं सत्तसरसण्हं वास. सहस्सा णं) उस्कृष्ट सत्तरह हजार वर्ष में (सहस्सारे पुच्छा ?) सहस्रार कल्प संबंधी प्रश्न ? (गोयमा ! जहण्णेणं सत्तरसण्हं वाससहस्साणं) हे गौतम ! મહેન્દ્ર ક૫ સંબંધી પ્રશ્ન ?
(गोयमा! जहण्णेणं दोण्ह' वाससहस्साणं सातिरेगाणं) धन्य मे M२ परथी ziv४ Eिxmi (उक्कोसेणं सत्तण्ह वाससहस्साणं सातिरेगाणं) उत्कृष्ट ४ies अधि સાત હજાર વર્ષની સ્થિતિ છે.
(बभलोए पुच्छा ?) प्रहसो समन्धी प्रश्न ? (गोयमा! जहण्णेणं सत्तण्ह वाससहस्साणं) 3 गौतम ! धन्य सात २ वर्षमा (उक्कोसे दसव्ह वोसमहस्साणं) कृष्ट દશ હજાર વર્ષના થાય છે.
(लंतए णं पुच्छा) eids Aधी प्रश्न ? (गोयमा ! जहण्णेणं दसह वाससहस्साण) हे गौतम ! धन्य ४M२ १५ (उक्कोसेणं चउदसण्ह वाससहस्साण) Grge यौहार વર્ષની સ્થિતિ છે.
(महासुक्केणं पुच्छा ?) महाशु विमान सम्मन्या प्रश्न ? (गोयमा ! जहण्णेणं दसण्ह वाससस्साणं)- गौतम ! धन्य यौ ॥२ १ मा (उक्कोसेणं सतरसह वाससहस्साणं) ઉત્કૃષ્ટ સત્તર હજાર વર્ષમાં
(सहस्सारे पुच्छा ?) सहसा२ ४८५ समधी प्रश्न? (गोयमा! जपणेणं सत्तरसह वाससहस्प्लाणं)-डे गौतम ! धन्य सत्तर २ वर्षमा (उक्कोसेणं अट्ठारसह वास
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શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫