Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयवधिनी टीका पद २९ सू०१ साकारानाकारोपयोगनिरूपणम् द्विविधः प्रज्ञप्तः, तद्यथा-मत्यज्ञानसाकारोपयोगः, श्रुताज्ञानसाकारोपयोगः, पृथिवीकायिका. नाम् अनाकारोपयोगः कतिविधः प्रज्ञप्तः ? गौतम ! एकोऽचक्षुर्दर्शनानाकारोपयोगः प्रज्ञप्तः, एवं यावद् वनस्पतिकायिकानाम् , द्वीन्द्रियाणां पृच्छा, गौतम ! द्विविध उपयोगः प्रज्ञप्तः, तद्यथा-साकारोपयोगः अनाकारोपयोगश्च, द्वीन्द्रियाणां भदन्त ! साकारोपयोगः कतिविधः प्रज्ञप्तः ? गौतम ! चतुर्विधः प्रज्ञप्तः तद्यथा-आभिनिबोधिकज्ञानसाकारोपयोगः, मत्यज्ञानसाकारोपयोगः, श्रुताज्ञान साकारोपयोगः, द्वीन्द्रियाणाम् अनाकारोपयोगः कतिविधः प्रज्ञतः ? दुविहे पण्णत्ते) हे गौतम ! दो प्रकार का कहा है । (तं जहा-मइअण्णाणसागारोवओगे, सुयअण्णाणसागारोवओगे) व इस प्रकार मत्यज्ञान साकारोपयोग, श्रुताज्ञानसाकारोपयोग (पुढविकाइयाणं अणागारोवओगे कइचिहे पण्णत्ते ?) पृथ्वीकायिकों का अनाकारोपयोग कितने प्रकार का कहा गया है ? (गोयमा ! एगे अचक्खुदंसणअणागारोय भोगे पण्णत्ते) हे गौतम ! एक अचक्षुदर्शन-अनाकारोपयोग कहा है (एवं जाय वणप्फइकाइयाणं) इसी प्रकार वनस्पतिकायिकों तक। ___ (बेइंदियाणं पुच्छा ?) द्वीन्द्रियों संबंधी प्रश्न ? (गोयमा ! दुविहे उवओगे पण्णत्ते) हे गौतम ! दो प्रकार का उपयोग कहा है (तं जहा सागारोवओगे अणागारोवओगे य) यह इस प्रकार-साकारोपयोग और अनाकारोपयोग (बेई दियाणं भंते ! सागारोवोगे कइविहे पण्णत्ते !) हे भगवन् द्वीन्द्रियों का साकारोपयोग कितने प्रकार का कहो है ? (गोयमा! चउव्यिहे पण्णत्ते) हे गौतम ! चार प्रकार का कहा है (तं जहा-आभिणिबोहियनाण सागारोपओगे, सुयनाणसागारोवओगे, मइअण्णाण सागारोबओगे, स्तुयअण्णाणसागारोव भोगे) यह पण्णत्त) हे गौतम ! प्रा२ना छ (तं जहा मइ अण्णोणसागारोवओगे सुय अण्णाण सागावओगे) ते 20 प्ररे भत्यज्ञान सा४।३।५योग, श्रुताशन सा॥२।५योग (पुढविकाइयाणं अणागारोवओगे कइविहे पण्णत्ते !) पृथिवीयन मना५या ८ प्रारना
द्या छ ? (गोयमा ! एगे अचक्खुदसणअणागारोवओगे पण्णत्ते) हे गोतम ! मे अयक्षु ४शन सनरोपयो ४ छ (एवं जाव वणप्फइकाइयाणं) मे ३ यापत् पन. સ્પતિકાયિકો સુધી,
(बेइंदियाणं पुच्छा ?) द्वीन्द्रिय सधी प्रश्न ? (गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते) हे गौतम ! मे १७:२ना उपयोग । छे (तं जहा-सागारोवओगे, अणागारोवओगे य) ते २५५४१२ सापयोग मने अनारे ५योग (बेइंदियाणं भंते ! सागारोवओगे कइविहे पण्णत्ते !) है भगवन् ! मन्द्रियाना सा५ये। डेटा प्रारना या छ ? (गोयमा! चउव्विहे पण्णत्ते) गौतम ! या२ २ ! छे (तं जहा-आभिणिबोहियनाणसगारोवओगे, सुयनाणसागारोवओगे, मइअण्णाण सागारोघओगे, सुय मण्णाणसागरोपओगे) ते २मा प्रारे भतिज्ञान
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫