Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयबोधिनी टीका पद ३६ सू० ८ जीयवेदनाविसमुद्घाताल्पबहुत्वनिरूपणम् १०११ तैजससमुदघातेन समबहतानाम् असमयहतानाश्च कतरे कतरेभ्योऽल्पा वा बहुका या तुल्या चा विशेषाधिका वा ? गौतम ! सस्तोकाः पञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिका स्तै नससमुद्घातेन सम. चहताः, वैक्रियसमुद्घातेन समवहता असंख्येयमुणाः, मारणान्तिकसमुद्घातेन समय हता असंख्येयगुणाः, वेदनासमुद्घातेन समवहता असंख्येयगुणाः, कषायसमुद्घातेन समय हताः संख्येयगुणाः, असमय हताः संख्येयगुणाः, मनुष्याणां भदन्त ! वेदनासमुद्घातेन समयहमें (वेयणासमुग्घाएण) वेदनासमुद्घात से (कसायसमुग्घाएणं) कषायसमुदघात से (मारणंतियसमुग्घाएण) मारणन्तिकसमुद्घात से (बेउब्वियसमुग्धारण) चैक्रियसमुदघात से (तेयासमुग्घाएणं) तैजससमुदघात से (समोहयाणं) समचहतों में (असमोहयाण य) और असमवहतों में (कयरे कयरहितो) कौन किस से (अप्पा चा बहया वा तुल्ला वा विसेसाहिया घा) अल्प, बहुत, तुल्य वा विशेषाधिक हैं ? (गोयमा ! सव्यथोचा पंचिंदियतिरिक्खजोणिया तेयासमुरघाएणं, समोहया) हे गौतम ! सब से कम पंचेन्द्रिय तिर्यंच तैजससमुद्घात से समवहत होते हैं (वेउब्धियसमुग्घाएणं समोहया) बैक्रियसमुदघात से समयहत (असंखेज्जगुणा) असंख्यातगुणा हैं (मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया) मारणान्तिकसमुद्घात से समबहत (असंखेज्जगुणा) असंख्यात गुणा हैं (वेयणा समुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा) वेदनासमुद्घात से समवहत असंख्यात गुणा हैं (कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा) कषायसमुद्घात से समवहत संख्यातगुणा हैं (अनमोहया संखेज्जगुणा) असमवहत संख्यातगुणा हैं
(मणुस्साणं भंते !) हे भगवन् ! मनुष्यों में (वेपणासमुग्घाएणं)वेदनासमुद् समुग्धाएण) वहनासमुद्ध तथी (कसायसमुग्घाएण) पायसमुद्धातथी (मारणंतियसमुग्धाएण) भारतिसभुधातथी (वेउब्वियसमुग्धारण) यि समुहूधातथी (तेया समुग्धारण) तेससभुधातया (समोहयाण) समपहतामा (असमोहयाण य) २५ने मसभवहतमा (कयरे कयरेहितो) । नाथी (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा) २५५, घा, तुल्य અથવા વિશેષાધિક છે ?
(गोयमा ! सम्बत्थोवा पंचिंदियतिरिक्खजोणिया तेयास मुग्धारण समोहया) है गौतम ! साथी था। पयन्द्रिय तिय ससमुद्धातथी सभपडत थाय छ (वेटव्यियसमुग्घाएण समोहया असंखेज्जगुणा) वैठियसभुधातथा समपरत असण्यात (मारणंतियस मुग्धारण समोहया असंखेज्जगुणा) भाeirds समुद्धातथी सभपडत असभ्याताय। छ (वेयणा समुग्धारण समोहया असंखेन्जगुणा) येहनासमुधातयी सभपडत असभ्याता छ (कसायसमुग्धारण समोहया संखेज्जगुणा) ४ायसभुधातथी समपात सयात छ (असमोहया संखेज्जगुणा) असमत सभ्याता छ.
(मणुस्साण भंते !) हे मान् ! मनुष्येभा (वेयणासमुग्धाएण) वहनासमुहाती
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫