Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रबोधिनी टीका पद २९ सू० १ साकारानाकारोपयोग निरूपणम्
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पयोगः, केवलदर्शनानाकारोपयोगश्च एवं जीवानाम्, नैरयिकाणां भदन्त ! कतिविध उपयोगः प्रज्ञप्तः ? गौतम ! द्विविध उपयोगः प्रज्ञप्तः, तद्यथा - साकारोपयोगश्च अनाकारोपatra, नैरविकाणां भदन्त ! साकारोपयोगः कतिविधः प्रज्ञप्तः गौतम ! षड्विधः प्रज्ञप्तः, तथा - मतिज्ञान साकारोपयोगः, श्रुतज्ञान साकारोपयोगः, अवधिज्ञानसाकारोपयोगः, मत्य ज्ञानसाकारोपयोगः श्रुताज्ञानसा कारोपयोगः, विभङ्गज्ञान साकारोपयोगः, नैरयिकाणां भदन्त ! अनाकारोपयोगः कतिविधः प्रज्ञप्तः ? गौतम ! त्रिविधः प्रज्ञप्तः, तद्यथा-चक्षुर्दर्शना
विभंगनाण सागारोवओगे) विभंगज्ञान साकारोपयोग (अणागारोवओगे णं भंते! कवि पण्णत्ते) हे भगवन् ! अनाकारोपयोग कितने प्रकार का कहा है ? ( गोयमा ! चउच्चिहे पण्णत्ते) हे गौतम ! चार प्रकार का कहा है ? (तं जहा) वह इस प्रकार (चक्खुदंसण अणागारोव ओगे) चक्षुदर्शन अनाकारोपयोग (अचक्खुदंसण - अणागारोवओगे) अचक्षुदर्शन अनाकारोपयोग (ओहिदंसण अणागारोवओगे) अवधिदर्शन - अनाकारोपयोग (केवलदंसण अणागारोवओगे य) और केवलदर्शन - अनाकारोपयोग (एवं जीवाणं) इसी प्रकार समुच्चय जीवों का
(नेरइया णं भंते ! कइविहे उचओगे पण्णत्ते) हे भगवन् ! नारकों का उपयोग कितने प्रकार का कहा है । (गोयमा ! दुविहे उचओगे पण्णत्ते) हे गौतम! दो प्रकार का उपयोग कहा है (तं जहा - सागारोवओगे य अणागारोवओगे य) वह इस प्रकार - साकारोपयोग और अनाकारोपयोग (नेरइयाणं भंते ! सागारोओगे कइ विहे पण्णत्ते ?) हे भगवन् ! नारकों का साकारोपयोग कितने प्रकार का कहा है ? (गोमा ! छव्विहे पण्णत्ते) हे गौतम ! छह प्रकार का कहा है
(सुय अण्णा सोगारोवओगे) श्रुताज्ञान साहारोपयोग (विभंगनाण सागारोओगे) विलगज्ञान साठारे। पयेोगः (अणागारोवओगे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ?) हे भगवन् ! मनाडाशययोग डेटसा प्राश्ना उद्या छे ? (गोयमा ! चव्विहे पण्णत्ते) हे गौतम! यार अारना ह्या छे (तं जहाँ) ते या अठारे (चक्खुदंसण अणागारोवओगे) यक्षुहर्शन मनाओ पियोग ( अचक्खुदंसण अणगारोवओगे) क्षुदृर्शन आरोपयोग (ओहिदंसणअणागारोत्र ओगे) अवधि हर्शन मन आरोपयोग (केवल दंसण अणागारोओगे य) भने देवलदर्शन अनाहारोपयोग ( एवं जीवाणं) मेरे समुय्यय भवाना विषयमा समन्यु लेखे.
(नेरइयाणं भंते ! कइविहे उबओगे पण्णत्ते) हे भगवन् ! नारीना उपयोग डेटसा अरना छे ? (गोयमा ! दुबिहे उवओगे पण्णत्ते) गौतम ! मे अहारना उपयोग उद्या छे (तं जहा - सागारोवओगे य अणागारोवओगे य) ते या अहारे सारोपयोग अने अनाआरोपयोग (नेरइयाणं भंते ! सागरोवओगे कइविहे पण्णत्ते) हे भगवान! नारना साम शेपयोग टसा प्रहारना । छे ? (गोयमा ! छविहे पण्णत्ते) हे गौतम! अारना
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫