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उपासक प्रतिमाएं
उज्ज्वल
जरा भी प्रचला संज्ञक - हल्की नींद भी नहीं ले पाते, उवलभंति - प्राप्त करते हैं, उज्जलंसब ओर से जाज्वल्यमान, पगाढं प्रगाढ - गहरी, चंडं क्रूर, दुग्गं - दुर्गम, तिक्खं - तीक्ष्ण, दुरहियासं दुःख से सहे जाने योग्य, पच्चणुभवमाणा - अनुभव करते हुए सिया स्यात् - हो, पव्वयग्गे - पर्वत की चोटी पर, अग्गे - ऊपर से ( आगे से), णिण्णं - नीचे, जओ - जहाँ से, दाहिणगामिणेरइए - दक्षिणगामिनैरयिक नरक के दक्षिणी भाग में, कण्हपक्खिए - क्रूर कर्म करने वाला, आगमेस्साणं - होगा, दुल्लभबोहिएदुर्लभबोधिक, आहियावाई - आस्तिकवादी, आहियपणे आस्तिकप्रज्ञ आस्तिकता में बुद्धि रखने वाला, णितियावाई - नित्यवादी सर्वदा दुःखवर्जित, परमानंदमय मोक्ष का
कथन करने वाला ।
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भावार्थ अक्रियवादी के ये रूप हैं नास्तिकवादी आत्मा आदि के अस्तित्व का कथन नहीं करने वाला, उनके अस्तित्व में बुद्धि और दृष्टि नहीं रखने वाला, सम्यक्त्व का कथन नहीं करने वाला, मोक्ष की नित्यता को नहीं कहने वाला, परलोक का अस्तित्व स्वीकार नहीं करने वाला, न वस्तुतः यह लोक है और न परलोक है, न माता-पिता, अर्हत्, चक्रवर्ती, बलदेव, वासुदेव ही हैं। न नारकीय जीव, नरकावास हैं । न पुण्य-पाप की फल निष्पत्ति है। न श्रेष्ठ रूप में आचरित कर्मों का अच्छा फल और दूषित रूप में आचरित कर्मों का कोई दूषित फल ही होता है । पुण्य-पाप फलशून्य हैं। जीव जन्मान्तर नहीं पाते हैं, नरकादि नहीं हैं, सिद्धि - मोक्षादि नहीं हैं अक्रियावादी इस प्रकार के कथन करता है, उसकी दृष्टि इस प्रकार की होती है तथा वह अपनी मान्यता में अत्यंत आसक्त रहता है।
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वह महत्त्वाकांक्षी - राज्य, वैभव, परिवार आदि की महती इच्छा रखते हैं, घोर हिंसा आदि अत्यंत आरम्भमूलक कार्य करने वाले, अत्यधिक परिग्रहयुक्त, श्रुत चारित्र रूप धर्म के प्रतिरोधी, धर्म विपरीत कार्यों का अनुसरण करने वाला, पापपूर्ण कृत्यों में अनुरत रहने वाला, धर्म विपरीत कार्यों में अत्यन्त संलग्न, अधर्म की प्ररूपणा में दुष्प्रवृत्त, अधर्म में अनुरक्त, घोर अधार्मिक दृष्टि रखने वाला, अधर्मजीवी, अधर्म प्ररञ्जन, अधर्मशील होता है तथा अधर्म के आधार पर ही जीवनवृत्ति संचालित करता रहता है।
प्राणियों को मार डालो, छिन्न-भिन्न कर डालो- ऐसा कहता हुआ वह स्वयं जीवों के
इस शब्द के विषय में विशेष वर्णन सूत्रकृतांग सूत्र के द्वितीय श्रुतस्कन्ध के द्वितीय अध्ययन के प्रथम क्रिया स्थान के अधर्म पक्ष से ज्ञातव्य है ।
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