Book Title: Trini Ched Sutrani
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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दसमो उद्देसओ - दशम उद्देशक
यवमध्य एवं वज्रमध्य चंद्रप्रतिमाएँ
दो पडिमाओ पण्णत्ताओ, तंजहा - जवमज्झा य चंदपडिमा वइरमज्झा य चंदपडिमा, जवंमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स णिच्वं मासं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ परीसहोवसग्गा समुप्पज्जंति दिव्वा वा माणुस्सगा वा तिरिक्खजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा तत्थाणुलोमा वा ताव वंदेज्ज वा णमंसेज्ज वा सक्कारेज्ज वा संमाणेज वा कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेज्जा, तत्थ पडिलोमा वा अण्णयरेणं दंडेण वा अट्ठीण वा जोत्तेण वा वेत्तेण वा कसेण वा काए आउट्टेज्जा ते सव्वे उप्पण्णे सम्म स(हेज्जा ) हइ खमइ तितिक्खेइ अहियासेइ ॥ २६६ ॥
जवमज्झणं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स सुक्कपक्खस्स से पाडिवए कप्पइ एगा दत्त भोयणस्स पडिगाहेत्तए एगा पाणस्स, सव्वेहिं दुपयचउप्प - याइएहिं आहारकंखीहिं सत्तेहिं पडिणियत्तेहिं अण्णायउंछं सुद्धोवहडं णिज्जूहित्ता बहवे समणमाहणअइहिकिवणवणीमगा, कप्पड़ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहेत्तए, णो दोहं णो तिण्हं णो चउण्हं णो पंचण्हं, णो गुव्विणीए णो बालवत्थाए णो दारगं पेज्जमाणीए णो अंतो एलुयस्स दो वि पाए साहट्टु दलमाणीए, णो बाहिं एलुयस्स दो वि पाए साहडु दलमाणीए, एगं पायं अंतो किंच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खंभत्ता एयाए एसणाए एसमाणे लब्भेज्जा आहारेज्जा एयाए एसणाए समा to it आहारेजा ( एवं दलयइ, एवं से कप्पड़ पडिगाहेत्तए एवं णो दलयइ, एवं से णो कपइ पडिगाहेत्तए) बिइज्जाए से कप्पइ दोण्णि दत्तीओ भोयणस्स डिगात्तए दोणि पाणस्स (सव्वेहिं... ), तइयाए से कप्पइ तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए तिणि पाणस्स, चउत्थीए से कप्पड़ चउदत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए चडपाणस्स, पंचमीए से कप्पड़ पंचदत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पंचपाणस्स, छुट्टीए से कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए छ पांणस्स सत्तमीए से कप्पइ सत्त
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