Book Title: Trini Ched Sutrani
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 502
________________ व्यवहार सूत्र दशम उद्देशक वा अण्णयरेणं, दंडेण वा अट्ठीण वा मुट्ठीण वा जोत्तेण वा वेत्तेण वा कसेण वा काए आउट्टेज्जा, ते सव्वे उप्पण्णे सम्मं सहेज्जा खमेज्जा तितिक्खेज्जा अहियासेज्जा ॥ २६८ ॥ Jain Education International १७६ ****** वरमज्झणं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स बहुलपक्खस्स पाडिवए कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तर पण्णरस पाणगस्स सव्वेहिं दुप्पयचउप्पयाइएहिं आहारकंखेहिं जाव णो आहारेज्जा, बिइयाए से कप्पड़ चउदस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए जाव णो आहारेज्जा, तइयाए कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, चउत्थीए कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, पंचमीए कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, छट्ठीए कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, सत्तमीए कप्पड़ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, अट्ठमीए कप्पड़ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, णवमीए कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, दसमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, एगारसीए कप्पड़ पंच दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, बारसीए कप्पड़ चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो. आहारेज्जा, तेरसीए कप्पइ तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, चउदसीए कप्पइ दो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, अमावासाए कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए जाव णो आहारेज्जा, सुक्क पक्खस्स पाडिवर से कप्पड़ दो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, बिइयाए से कप्पड़ तिणि दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, तझ्याए से कप्पइ चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, चउत्थीए से कप्पड़ पंचदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, पंचमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, छट्ठीए कप्पड़ सत्त दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, सत्तमीए कप्पड़ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, अट्ठमीए कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, णवमीए कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, दसमीए कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, एगारसीए कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, बारसीए कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स जावं णो आहारेज्जा, तेरसीए कप्पड़ चउद्दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, चउदसीए कप्पइ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538