Book Title: Trini Ched Sutrani
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 480
________________ णवमो उद्देसओ - नवम उद्देशक शय्यातर के घर पर अन्यों के निमित्त निष्पन्न आहार - ग्रहण - विषयक विधि-निषेध सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णिसिट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए, णो से कप्पड़ पडिगाहेत्तए ॥ २१९ ॥ सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णिसिट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पड़ पडिगाहेत्तए ॥ २२० ॥ C सागारियस्स आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णिसिट्टे पांडिहारिए, तम्हा दावए, hot से कप्पड़ पडिगात्तए ॥ २२१ ॥ सागारियस आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ णिट्टिए णिसिट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पड़ पडिगाहेत्तए ॥ २२२ ॥ सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए वा भइण्णए वा अंतो वगडाए भुंजड़ गिट्ठिए णिसिट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २२३॥ सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए वा भइण्णए वा अंतो वगडाए भुंजइ णिट्ठिए सट्टे अपाsिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २२४॥ सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए वा भइण्णए वा बाहिं वगडाए भुंजइ णिट्ठिए णिसिट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए, णो से कप्पड़ पडिगाहेत्तए । २२५ ॥ सागारियस्स दासे वा पेसे वा भयए वा भइण्णए वा बाहिं वगडाए भुंजइ णिट्ठिए • णिसिट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पड़ पडिगाहेत्तए ॥ २२६ ॥ सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो एगपयाए सागारियं चोवजीवई, तम्हा दावए, णो से कप्पड़ पडिगाहेत्तए ॥ २२७॥ सागारियस्स णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पड़ पडिगाहेत्तए ॥ २२८ ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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