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This results in bondage of sinful karma with bitter consequences.
२ : अजयं चिट्ठमाणो उ पाणभूयाइं हिंसई।
बंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं॥ अयतनापूर्वक खड़ा होने वाला जीवों की हिंसा करता है जिससे पापकर्म का बंध होता है जो उसके लिए कटु फलदायक होता है॥२॥
2. One who is careless while standing injures living beings. This results in bondage of sinful karma with bitter consequences.
३ : अजयं आसमाणो उ पाणभूयाइं हिंसई।
बंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं॥ अयतनापूर्वक बैठने वाला जीवों की हिंसा करता है जिससे पापकर्म का बंध · होता है जो उसके लिए कटु फलदायक होता है॥३॥
3. One who is careless while sitting injures living beings. This results in bondage of sinful karma with bitter consequences.
४ : अजयं सयमाणो उ पाणभयाइं हिंसई।
बंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं॥ अयतनापूर्वक सोने वाला जीवों की हिंसा करता है जिससे पापकर्म का बंध KA होता है जो उसके लिए कटु फलदायक होता है॥४॥
4. One who is careless while lying down injures living beings. This results in bondage of sinful karma with bitter consequences.
५ : अजयं भुंजमाणो उ पाणभूयाइं हिंसई।
बंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं ॥
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श्री दशवैकालिक सूत्र : Shri Dashavaikalik Sutra
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