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क्रियापद के अर्थ में ईर्यापथिकाम् का ध्यान करे ऐसा बताते हैं । परन्तु प्रतिक्रामेत क्रियापद का अर्थ यहाँ पीछे हटना है अर्थात् परठकर 'वोसिरामि - वोसिरामि' कहना यही अर्थयुक्ति संगत लगता है। क्योंकि जब दैवसिक प्रतिक्रमण किया जाता है तब दिन में लगे हुए सब अतिचारों की विधिपूर्वक आलोचना की ही जाती है।”
ELABORATION:
(81) Achittam-free of living organisms; here it refers specifically to the earth or ground. The ground that has been disturbed by some instrument or by frequent movement of people is considered achit.
Paritthavejja—to discard or throw away. The process of discarding for ascetic is that he should select an isolated spot, inspect it properly for living organisms, sweep it with his broom to ensure the removal of any unseen insects and then slowly pour or throw the things he has to discard.
Padikkamme-to retrace steps; to return; to do critical review; Acharyashri Atmaram ji M. says that here this word does not mean critical review but just returning after throwing and uttering 'vosirami-vosirami ( I am discarding, I am throwing). This is because the critical review of all the activities of the day is routinely done every evening and this activity will naturally be included in that.
आहार कैसे करें?
८२ : सिआ य गोयरग्गगओ इच्छेज्जा परिभुत्तुयं । कुट्टगं भित्तिमूलं वा पडिलेहित्ताण फासूयं ॥
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८३ अणुन्नवित्तु मेहावी पडिच्छन्नम्मि संबुडे । हत्थगं संपमज्जित्ता तत्थ भुंजिज्ज संजए ||
भिक्षाचरी के लिये गाँव में गये हुए बुद्धिमान् मुनि को कदाचित् किसी कारणवश वहाँ पर ही भोजन करने की आवश्यकता हो जाय, तो वह सूने निर्जन - घर में अथवा किसी दीवार के पास प्रासुक शुद्ध भूमि की प्रतिलेखना
पंचम अध्ययन : पिण्डैषणा (प्रथम उद्देशक) Fifth Chapter: Pindaishana (Ist Section)
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