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___ गुरुओं द्वारा विनय धर्म में प्रेरित किये जाने पर जो पुरुष उन पर क्रोध करता है, वह मूर्ख सम्मुख आती हुई दिव्य लक्ष्मी को डंडे से रोकता है॥४॥
4. When inspired and taught by the elders, if a disciple does not learn to be humble and, instead, reacts angrily, he is as foolish as a person who is bent upon blocking the incoming Laxmi (goddess of wealth) with the help of a stick. (illustration No. 22)
५ : तहेव अविणीअप्पा उववज्झा हया गया।
दीसंति दुहमेहंता आभिओगमुवट्ठिया॥ ६ : तहेव सुविणीअप्पा उववज्झा हया गया।
दीसंति सुहमेहंता इडिंपत्ता महायसा॥ औषबाह्य (वाहन योग्य) हाथी और घोड़े आदि पशु भी अविनीतता के कारण प्रत्यक्ष में दुःख भोगते हुए देखे जाते हैं॥५॥ ___ वही औपबाह्य हाथी और घोड़े सुविनीत होने के कारण ऋद्धि और महान् यश प्राप्त कर सुख भोगते हुए देखे जाते हैं॥६॥
5, 6. It is a common experience that stubborn riding elephants, horses and other such domesticated animals undergo grave suffering while the humble ones get love, comfort and popularity. विशेषार्थ :
श्लोक ५. उववज्झा-औपबाह्य-सवारी के काम में आने वाले या राजा आदि की सवारी के योग्य। कारण या अकारण सभी अवस्थाओं में जिसे वाहन बनाया जाए ऐसे हाथी, घोड़े। (देखें चित्र क्रमांक २२) ELABORATION:
(5, 6) Uvavajjha-meant for riding for a commoner, king, etc; elephants, horses etc. that are used for riding with or without some reason. (illustration No. 22)
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श्री दशवैकालिक सूत्र : Shri Dashavaikalik Sutra
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