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ELABORATION:
(1) Nikkhammamanaye-renouncing according to the dictates; renouncing is at both physical and mental levels and dictates means following the spiritual path shown in the words, message and preaching of the Tirthankars. Simply speaking--to get initiated or to accept diksha.
Chitta samahio-completely absorbed in the self or the word of the enlightened.
षट्काय रक्षा का उपदेश २ : पुढविं न खणे न खणावए सीओदगं न पिए न पियावए।
अगणिसत्थं जहा सुनिसिअं तं न जले न जलावए जे स भिक्खू॥ भिक्षु वह है, जो सचित्त पृथ्वी को न स्वयं खोदता है और न दूसरों से खुदवाता है, सचित्त जल न स्वयं पीता है और न दूसरों को पिलाता है तथा तीक्ष्ण व शस्त्र के समान अग्नि न स्वयं जलाता है और न दूसरों से जलवाता है॥२॥ PROTECTION OF SIX CLASSES OF BEINGS
2. One who refrains from digging and making others dig sachit earth, drinking or making others drink sachit water, and igniting or making others ignite weapon-like fire, he alone is a bhikshu. ३ : अनिलेण न वीए न वीयावए हरियाणि न छिंदे न छिंदावए।
बीयाणि सया विवज्जयंतो सचित्तं नाहारए जे स भिक्खू॥ - जो पंखे आदि से न स्वयं हवा करता है न करवाता है, जो हरितकाय का न स्वयं छेदन करता है एवं न औरों से करवाता है, जो बीजादि का स्पर्श नहीं करता और सचित्त आहार नहीं करता है, वह भिक्षु है॥३॥
3. One who refrains from blowing or making others blow air, piercing or making others pierce vegetation, touching seeds and eating sachit food, he alone is a bhikshu.
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दशम अध्ययन : सभिक्षु Tenth Chapter : Sabhikkhu
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