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कुम्मुव्व अल्लीण-पल्लीण गुत्तो-कछुए के समान शरीर की चेष्टाओं को समेटने को आलीन-गुप्त कहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर सावधानी से शारीरिक चेष्टा करने को प्रलीन-गुप्त कहते हैं। ELABORATION:
(41) Raainiessu—those who possess the gems; here it means the gems of seniority of ascetic-age and superiority of knowledge etc.
Dhuvaseeliyam-resoluteness in sheel or moral character and ascetic conduct. The word sheel has been defined in much detail in the commentaries. So much so that 18,000 different classes and categories have been listed (Dashavaikalik by Acharya Mahaprajna, page 404).
Kummuvva allin-pallin gutto—the tortoise like activity of drawing in the limbs and to use them carefully only when needed.
४२. : निदं च न बहुमन्निज्जा सप्पहासं विवज्जए।
मिहो कहाहिं न रमे सज्झायम्मि रओ सया॥ निद्रा को बहुमान अर्थात् बढ़ावा न दे, परस्पर हाँस-परिहास भी न करे तथा - विकथा रूप बातों में (अथवा मैथुन की कथा में) तल्लीनता नहीं रखे अपितु R) सर्वदा स्वाध्याय में पूर्णतया लगा रहे॥४२॥
42. He should not encourage slumber, should not indulge in merriment and hilarity and should show disinterest in evil or erotic conversation. Instead, he should always be busy in his studies and contemplations. विशेषार्थ : ___ श्लोक ४२. मिहोकहाहि-मिथःकथासु-स्त्री-सम्बन्धी रहस्य कथा; अन्य विषयों सम्बन्धी कथा; विकथा या बुरी बात।
सज्झायम्मि-स्वाध्याय में स्वाध्याय का अर्थ है विधिपूर्वक अध्ययन। स्वाध्याय के पाँच अंग हैं-वाचना या पढ़ना, प्रच्छना या प्रश्न करना, परिवर्तना या दोहराना, अनुप्रेक्षा या अर्थ-चिन्तन करना तथा धर्मकथा-व्याख्या न करना।
आठवाँ अध्ययन : आचार-प्रणिधि Eight Chapter : Ayar Panihi
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