________________
outuviin
equanimity, he should collect a little food from numerous places depending on the capacity and devotion of the donor. This activity of an ascetic is known as gochar or gochari. A cow cannot discriminate between the purity and impurity of food as the ascetic does. The adverb 'agra' is added to indicate the ascetic act of inspecting the food before accepting it. (illustration No. 10/3-4) ____ Anuvviggo-calm; free of anxiety. He who remains calm and does not feel like abusing chiding, or insulting the donor. Avvakkhittena—undisturbed; free of eagerness or craving. ३ : पुरओ जुगमायाए पेहमाणो महिं चरे।
वजंतो बीयहरियाई पाणे अ दग-मट्टियं॥ साधु चलते समय शरीर प्रमाण अर्थात् अपने हाथ से साढ़े तीन हाथ की दूरी तक आगे देखता हुआ और बीज, वनस्पति, प्राणी, जल तथा सचित्त मिट्टी आदि को टालता हुआ चले ॥३॥
3. While walking an ascetic should look ahead, observing the ground to a distance equal to his height, i.e., about six feet, and avoid seeds, plants, creatures, water and sachit sand, etc. विशेषार्थ : ___ श्लोक ३. जुगमायाए-युगप्रमाण-शरीरप्रमाण-अपने शरीर की ऊँचाई जितनी दूरी, लगभग साढ़े तीन हाथ या छह फुट की दूरी। चलते समय दृष्टि को इससे दूर या अधिक पास डाला जाये तो छोटे जीव या सूक्ष्म पदार्थ देख पाने में कठिनाई होती है। 'युग' का अर्थ है-गाड़ी का जुआ। गाड़ी का आगे का भाग संकड़ा तथा पीछे का भाग चौड़ा होता है। गति के समय भी इसी प्रकार सामने देखते चलने के लिए 'युगप्रमाण' शब्द का प्रयोग हुआ है। (अगस्त्यसिंह चूर्णि) __दग-मट्टियं-दक-मृत्तिकाम्-दक का अर्थ है पानी और मृत्तिकाम् का अर्थ है मिट्टी। इसके अतिरिक्त यह शब्द संयुक्त रूप से भी प्रयुक्त होता है-गीली मिट्टी या सचित्त मिट्टी। आचार्य श्री आत्माराम जी महाराज तथा अन्य टीकाकारों के अनुसार यहाँ य (च) शब्द से अग्निकाय का अर्थ भी सम्मिलित है।
MINISTEROilitary
१००
श्रीदशवकालिक सूत्र : Shri Dashavaikalik Sutra
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org