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AMALAMIUIR
immovable wealth, like mansions, houses, cottages, gold, silver, etc. Social status is measured in terms of high or low caste and high or low education, etc. (commentary by Acharya Haribhadra Suri, page 166) १५ : आलोअं थिग्गलं दारं संधिं दगभवणाणि ।
चरंतो न विणिज्झाए संकट्ठाणं विवज्जए॥ __ गोचरी के लिए जाता हुआ साधु झरोखा, खिड़की आदि को, चुनी हुई ka दीवार, द्वारादि को, सेंध या गली को और जल-गृहों को न देखे तथा शंका के सब स्थानों को टाल कर चले॥१५॥
15. An ascetic, while going to seek alms, should not look at : balconies, windows or other such openings in houses; nor should he look at partition walls, doors, alleys, or gaps, and water-huts or bathrooms. He should avoid all such shady or suspicious places. विशेषार्थ :
श्लोक १५. आलोअं-आलोकं-मकान के वे भाग जहाँ से बाहर देखा जाता है-गवाक्ष, झरोखा, खिड़की आदि। थिग्गलं-घर का वह भाग या द्वार जिसे दीवार चुनकर ढक दिया गया हो। संधि-दो घरों के बीच की गली; सेंध।
दग भवणाणि-उदक भवनानि-जल-गृह, जल-मंचिका, स्नान-मण्डप, सार्वजनिक उपभोग के जल भरने तथा स्नान करने के स्थान। उक्त सभी स्थानों को 'शंका-स्थान' बताया है। अर्थात् ऐसे स्थानों पर झाँकने से लोग उसे चोर, उचक्का, पारदारिक आदि सन्देह भरी दृष्टि से देख सकते हैं तथा ऐसा देखना स्वयं व ब्रह्मचर्य के लिए भी खतरे के ठिकाने बन जाते हैं। (हारिभद्रीय टीका)
ELABORATION:
(15) Aaloyam-Those parts of a house from where one looks outside--balcony, window, etc.
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श्री दशवकालिक सूत्र : Shri Dashavaikalik Sutra
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