Book Title: Pramey Kamal Marttand Part 3
Author(s): Prabhachandracharya, Jinmati Mata
Publisher: Lala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
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प्रमेय कमलमार्त्तण्डै
पीछे ऐसे पूर्वोत्तर क्षणवर्ती होते हैं तो उनको कौन सा प्रमाण जानेगा इत्यादि उसका उत्तर यह है कि क्षयोपशम विशिष्ट जो ग्रात्मा है वह इन कार्य कारण भावरूप पदार्थों को जानता है, क्योंकि वह कारण और कार्य दोनों के क्षणों में अन्वयरूप से रहता है । आपके क्षणिकत्व का तो अभी क्षणभंगवाद में खण्डन हो चुका है । कार्यकारण संबंध के जितने प्रश्न हैं वे सब प्रकार्यकारणवाद में भी आते हैं वह भी दो वस्तु में होगा अतः दिष्ट रहेगा फिर उसको कौन जानेगा इत्यादि । इसलिए प्रत्यक्ष सिद्ध इस संबंध को अवश्य मानना चाहिए ।
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|| सम्बन्धसद्भाववाद का सारांश समाप्त ॥
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