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प्रमेयकमलमार्तण्डे
संहारे तत्साधर्येण प्रत्यवस्थानं साधर्म्यसमः । यथा 'अनित्य : शब्द उत्पत्तिधर्मकत्वात्कुम्भादिवत्' इत्युपसंहृते परः प्रत्यवतिष्ठते-यद्यऽनित्यघटसाधादयमनित्यो नित्येनाप्याकाशेनास्य साधय॑ममूर्तत्वमस्तीति नित्यः प्राप्तः । तथा 'अनित्य : शब्द उत्पत्तिधर्मकत्वात्, यत्पुनरनित्य न भवति तन्नोत्पत्तिधर्मकम् यथाकाशम्' इति प्रतिपादिते परः प्रत्यवतिष्ठते-यदि नित्याकाशवैधादनित्यः शब्दस्तदा साधर्म्य मप्यस्याकाशेनास्त्यमूर्तत्वम्, प्रतो नित्यः प्राप्तः । अथ सत्यप्येतस्मिन्साधर्म्य नित्यो न भवति, न तर्हि वक्तव्यम्-'अनित्यघटसाधान्नित्याकाश वैधाच्चाऽनित्यः शब्दः' इति ।
वैधर्म्यसमायास्तु जाते:-वैधhणोपसंहारे कृते साध्यधर्मविपर्ययावधhण साधर्म्यण वा प्रत्यवस्थानं लक्षणम् । 'यथात्मा निष्क्रियो विभुत्वात्, यत्पुन: सक्रियं तन्न विभु यथा लोष्टादि, विभु
साधर्म्य द्वारा दोष देना, तथा वैधर्म्य द्वारा उपसंहार करने पर प्रतिवादी उस वैधयं से भिन्न साधर्म्य द्वारा दोष देना साधर्म्यसमा जाति दोष है । जैसे शब्द अनित्य है क्योंकि उत्पत्ति धर्मवाला है घटादि की तरह । इसप्रकार वादी द्वारा अनुमान पूर्ण होने पर प्रतिवादी प्रतिकूलरूप से परिवर्तन करता है कि यदि अनित्य घटके साथ साधर्म्य [ समानता ] होने से शब्द अनित्य है तो नित्य आकाश के साथ भी इस शब्द का अमूर्त त्वरूप साधर्म्य होता ही है, इसतरह शब्द नित्यरूप सिद्ध हो सकता है। तथा शब्द अनित्य है क्योंकि उत्पत्ति धर्मवाला है, जो अनित्य नहीं होता वह उत्पत्ति धर्म वाला नहीं होता, जैसे आकाश । इसप्रकार वादी द्वारा प्रतिपादन करने पर प्रतिवादी उसका निराकरण करता है कि नित्य प्राकाश के साथ वैधर्म्य होने के कारण यदि शब्द अनित्य है तो आकाश के साथ इस शब्द का प्रमूर्तत्व के निमित्त से साधर्म्य भी तो है, इस साधर्म्य के कारण तो शब्द नित्य बन बैठता है। यदि कहा जाय कि आकाश के साथ शब्दका अमूर्तत्व निमित्तक साधर्म्य भले ही हो किन्तु इससे शब्द नित्य सिद्ध नहीं होता । सो यह ठीक नहीं, क्योंकि इसतरह तो अनित्य घट के साधर्म्य होने से और नित्य आकाश के वैधर्म्य होने के कारण शब्द अनित्य है, ऐसा भी न कह सकेंगे।
वैधर्म्यसमा नामकी दूसरी जाति का लक्षण इसप्रकार है-वैधर्म्य दृष्टांत द्वारा वादी के उपसंहार करने पर प्रतिवादी साध्यधर्म का विपर्यय कर वैधये या साधर्म्य द्वारा वादी के उक्त अनुमान का निराकरण कर देता है। जैसे प्रात्मा निष्क्रिय है,
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