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प्रमेयकमलमार्तण्डे
सत् ; प्रत्यक्षत एवास्य प्रतीतेः । तथाहि-तन्तुसम्बद्ध एव पट: प्रतिभासते तद्रूपादयश्च पटादिसम्बद्धाः, सम्बन्धाभावे सह्यविन्ध्यवद्विश्लेषप्रतिभास: स्यात् ।
अनुमानाच्चासौ प्रतीयते; तथाहि-'इह तन्तुषु पटः' इत्यादीहप्रत्ययः सम्बन्धकार्योऽबाध्यमानेहप्रत्ययत्वात् इह कुण्डे दधीत्यादिप्रत्ययवत् । न तावदयं प्रत्य यो निर्हेतुकः; कादाचित्कत्वात् । नापि तन्तुहेतुक: पटहेतुको वा; तत्र 'तन्तवः, पट:' इति वा प्रत्यय प्रसङ्गात् । नापि वासनाहेतुकः; तस्या: कारण र हितायाः सम्भवाभावात् । पूर्वज्ञानस्य तत्कारणत्वे तदपि कुतः स्यात् ? तत्पूर्ववासना
समाधान--यह शंका गलत है, समवाय तो प्रत्यक्ष से प्रतीत हो रहा है, साक्षात् ही तन्तुओं से सम्बद्ध हुमा पट प्रतिभासित होता है, तथा उनके रूपादिक पट से सम्बद्ध हुए प्रतीत होते हैं, यदि इनमें सम्बन्ध नहीं होता तो सह्याचल और विन्ध्याचल में जैसे विश्लेषपना प्रतीत होता है वैसे इनमें भी विश्लेषपना प्रतीत होता ।
प्रत्यक्ष प्रमाण के समान अनुमान प्रमाण से भी समवाय की प्रतीति पाती है, अब इसीको कहते हैं-यहां तन्तुओं में पट है इत्यादिरूप जो इह प्रत्यय है वह संबंध का कार्य है, क्योंकि अबाध्यमान इह प्रत्यय स्वरूप है, जैसे इह कुण्डेदधि-इस कुण्डे में दही है, इत्यादि इह प्रत्यय अबाध्यमान हुआ करते हैं । इह प्रत्यय निर्हेतुक भी नहीं है क्योंकि कदाचित्-कभी होता है, इहप्रत्यय न तंतु हेतुक है और न पट हेतुक है, यदि तंतु हेतुक होता तो "तंतु हैं" ऐसा प्रत्यय होता अथवा पट हेतुक होता तो "पट है" ऐसा प्रत्यय होता। इह प्रत्यय वासना हेतुक है ऐसा कहना भी शक्य नहीं है वासना कारण रहित है उसका यहां सम्भव नहीं । वासना का कारण पूर्व ज्ञान है ऐसा कहना भी ठीक नहीं है, अर्थात् वासना पूर्व ज्ञान से हुई है ऐसा कहने पर पुनः प्रश्न होगा कि पूर्वज्ञान भी किस कारण से हुआ ? इस प्रश्न का उत्तर दिया जाय कि वह पूर्वज्ञान भी अपनी पूर्व की वासना के निमित्त से हुआ है, तब तो अनवस्था स्पष्ट दिखायी दे रही है ।
शंका- ज्ञान और वासना इनका बीजांकुर के समान अनादि प्रवाह चला आता है अतः कोई दोष नहीं है, कहने का अभिप्राय यह है कि तन्तनों में वस्त्र है इत्यादिरूप जो इह प्रत्यय होता है उसका कारण तो वासना है और वासना का कारण पूर्व ज्ञान है, पुनः उस पूर्व ज्ञान का कारण वासना है, इसतरह पूर्व ज्ञान और वासना इनका अनादि प्रवाह चला है अतः अनवस्था दोष नहीं होता ?
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