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१
चीतोस स्थान दर्शन
संज्ञा को नं० १
ति को नं० बो
द्रिय जाति पंचेंद्रिय जाति
Y
चारों तियों में हरे में ४ क मांग की नं० १६ मे १६ देखो
चारों जानना
चारों गतियों में हरेक में पंचेन्द्रिय जाति जागन को ० १६ मे १९ देखी
( ४.) कोष्टक नं० ४
" मंग ४ गतियों में से कोई १ गति जानना
१ मंग को नं० १६ मे १६ देश
को नं० १६ मे १६ न खां
५.
१. मति ४रानियों मे से कोई १ गति
असंयत ( अविरत ) गुण स्थान
1
।
१ भंग का नं ०.१६ से चारों गतियों में हरेक में १६ देखी ४ का भंग को नं १६ से १६ देखो परन्तु तियं च गति में केवल भोगभूमि 'की अपेक्षा जानना
1
कोनं १६ से १२ देखी
गति में केवल भोगं
भूमि की अपेक्षा जानना
Y
४
(१) नरकगति में पहले नरक की प्रपेक्षा जानना (२) तियं च गति में भोग भूमि की अपेक्षा
* जानता
(३) मनुष्य गति में कर्म 'भूमि और मोग भूमि । प्रोक्ष जानना (४) देव गति से -१ स्वर्ग से स्वार्थसिद्धि तक के देवों की अपेक्षा जानना aafee देवों में बा गुण नहीं होता
१
चारों गतियों में हक में १ पंचेन्द्रिय जानना को नं० १६१६ देवी स्तुति में केवल भोग भूमि को अपेक्षा
जानना
१ मंग को नं० १६ से १० देखो
१ भंग को नं १६ मे १६ देखो
१ गति १ गति कौनं०१६ को पं० १६ देशो १६ देखो को नं० १७ देसो
को न० १७ देखो को नं०१८ देखी को नं० १८ देखो
को नं० १६ देखो की नं० १६ देखो
को नं० १६ से को नं० १६ मे १६ देख १६ देखो