________________
१३२
भगवतीस्त्रे तत्-अथ हे भदन्त ! केनार्थेन कथं तावत् एवमुच्यते-सनत्कुमारस्य देवेन्द्रस्य देवरानस्य प्रायस्त्रिंशका देवाः इति ? भगवानाह-यथा धरणस्य नागकुमारेन्द्रस्य नागकुमारराजस्य त्रायस्त्रिंशकाः देवाः त्रयस्त्रिंशत् सहायाः प्रतिपादिता स्तथैव सनत्कुमारस्यापि देवेन्द्रस्य त्रायस्त्रिंशकाः देवाः प्रयस्त्रिंशत् सहायाः प्रतिपत्तव्याः, एवं-पूर्वोक्तरीत्यैव यावत्-माहेन्द्रस्य, ब्रह्मलोकेन्द्रस्य लान्त केन्द्रस्य महाशुक्रेन्द्र
स्य सहस्रारेन्द्रस्य, माणतेन्द्रस्य एवम् अच्युतेन्द्रस्य-देवेन्द्रस्य देवराजस्य त्रायत्रिंशका देवाः त्रयस्त्रिंशत् सहायाः वोध्याः किन्तु माहेन्द्रादेरच्युतान्तस्य देवराजस्य कारण से कहते हैं कि देवेन्द्र देवराज सनत्कुमार के गुरुस्थानीय ३३ त्रायशिक देव हैं ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-हे गौतम ! जिस प्रकार से नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज धरण के गुरुस्थानीय ३३ प्रायस्त्रिंशक देव कहे गये हैं, उसी प्रकार से देवेन्द्र देवराज सनत्कुमार के भी गुरुस्थानीय ३३ त्रायस्त्रिंशक देव जानना चाहिये। इसी पूर्वोक्त रीति के अनुसार यावत्-इन देवेन्द्र देवराज माहेन्द्र, ब्रह्मलोकेन्द्र, लान्तकेन्द्र, महाशुक्रेन्द्र, सहस्रारेन्द्र, प्रागतेन्द्र और अच्युतेन्द्र के भी गुरुस्थानीय ३३-३३ ते तीस ते तीस वायस्त्रिंशक देव हैं ऐसा जानना चाहिये. तथा-इस बातको लेकर गौतम ने प्रभु से ऐसा पूछा है कि हे भदन्त ! देवेन्द्र देवराज माहेन्द्र आदिकोंके गुरुस्थानीय ३३-३३ प्रायस्त्रिंशक देव है क्या? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-हाँ, गौतम ! इन सब देवेन्द्र देवराज माहेन्द्र आदिकों के गुरुस्थानीय ३३-३३ प्रायत्रिंशक देव होते हैं मोहेन्द्रादि अच्युतान्त देवराज के ब्रायस्त्रिं
भावी२ प्रभुने। Gत्त२-" जहा धरणस्य तहेव एव जाव पाणयस्स एवं अच्चुयरस जाव अन्ने उववज्जति" गौतम ! नागभारेन्द्र, नागभा२२०, ધરઘુના ત્રાયઅિંશક દેવેન જેવું જ કાન સ- કુમારના ત્રાયશિક દેવો વિષે પણ સમજવું. એ જ પ્રમાણે દેવેન્દ્ર, દેવરાજ મહેન્દ્ર, બ્રહ્મક, લાન્તકા, माशु, सनार, प्रायत, अयुत मा छन्द्रीना सहायभूत ५] 33-33 ત્રાયઅિંશકે હેય છે એમ સજવું. એજ વાતને સૂત્રકારે નીચેની પ્રશ્નોત્તર દ્વારા વ્યક્ત કરી છે.
ગૌતમ સ્વામીને પ્રશ્ન-હે ભગવન્ ! દેવેન્દ્ર, દેવરાજ મહેન્દ્ર આદિ ઈન્દ્રોના સહાયભૂત ૩૩-૩૩ ત્રાયઅિંશક દેવ હોય છે ખરાં?
મહાવીર પ્રભુનો ઉત્તર-હા, ગૌતમ! દેવેન્દ્ર, દેવરાજ મહેન્દ્રથી લઈને દેવેન્દ્ર દેવરાજ અશ્રુત પર્યંતના દેવેન્દ્રોના સહાયભૂત ૩૩-૩૩ વાર્ષાિશક