Book Title: Bhagwati Sutra Part 09
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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भगवती बाहिरियं एवं जहा कूणिओ तहेव सव्वं जाव पज्जुवासइ । तएणं सा जयंती लमणोवासिया इमीसे कहाए लढा समाणी हट्टतुष्टा जेणेव मियावई देवी तेत्र उवागच्छइ, उवागच्छित्ता मियावइं देवि एवं वयासी-एवं जहा नवमसए उसभदत्तो जाव अविस्सइ । तएणं सा मियाबई देवी जयंतीए समणोवासियाए जहा देवाणंदा जाव पडिसुणेइ। तएशंसा मियावई देवी, कोडंबियपुरिसे सदावेइ, सदावेत्ता, एवं वयासी-खिप्पामेत्र भो देवाणुप्पिया! लहुकरणजुत्त जोइयं जाव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवटवेह जाव उवति, जाव पच्चप्पिणति। तएणं सा मियाबई देवी, जयंतीए समणोवालियाए सद्धिं पहाया कयवलिकम्मा जाय सरीरा बहुहिं खुज्जाहिं जाव अंतेउराओ निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता, जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला, जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ, उवाग च्छित्ता जाव दुरूढा, तएणं सा मियावई देवी जयंतीए समणोवालियाए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा समाणी नियगपरियालगा जहा उसमदत्तो जाव धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ । तएणं सा मियावई देवी, जयंतीए समणोवासियाए सद्धिं बहूहिं खुज्जाहिं सांढे जहा देवाणंदा जाव वंदित्ता, नर्मसित्ता उदायणं गयं पुरओ क ठिइ या चेव जाव पज्जुशसई। तएणं समणे भगवं महावीरे उदायणस्स रन्नो मियावईए देवीए जयंतीए समणोवासियाए, तीसे य महतिमहलियाए
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