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भगवती देवोसहरूम, सेनं जहाचमालोगशालाणं, परियारो तहेव' तत्र खलु चतसए अग्रम हिपोपु मन्ये एककस्या देव्याः एकैकं देवीसहस्र परिवारः प्रज्ञप्तः, शेपं यथा चमरलेाकपानानां प्रतिपादितं तथैव प्रतिपत्तव्यम्, तथाच ताभ्यश्चतसृभ्योऽग्रमहिपीभ्यः एकैका देवी अन्यत् एकैकं देवीसहस्त्रं परिवार विकुतिम् प्रभुः, एवमेव मपूर्वापरेण चत्वारि देवीसहस्राणि परिवारो भवति, तदेतत् त्रुटिकं नाम वर्ग उच्यते इत्यभिप्रायेणाह-परिवारस्तथैव-चमरलेाकपालवदेव बोध्यम्, 'नवरं कालाए रायहाणीए, कालंसि सीहासणंसि, सेसं तंचेव, एवं महाकालस्स वि' नवरम्-विशेषस्तु कालाय राजधान्यां, काले सिंहासने इति वक्तव्यम्, शेपंतदेव कमला १, कमलप्रभा २, उत्पला ३ और सुदर्शना 'तत्थ णं एगमेगाए देवीए, एगमेगं देवीसहस्त, सेसं जहा चमरलोगपालाणं परियारो तहेव' इन चार अग्रमाहिषियों में से एक २ अग्रमहिषी का देवी परिवार एक एक हजार का है। बाकी का और कथन चमर लोकपालों के कथन जैसा कहा गया है। तथा इन चार अग्रमविषियों में से एक २ अग्रमहिषो की ऐसी शक्ति है जो वे चाहें तो अपनी विक्रुर्वणा से और भी एक २ हजार देवियों का निर्माण कर सकती हैं। इस तरह पिशाचेन्द्र काल का देवी परिवार ४ हजार का हो जाता है. जो काल का प्रटिक इस नाम से कहा गया है । इसी अभिप्राय से सूत्रकार ने "परिवारो तहेव" चमर लोकपाल की तरह इसका परिवार जानना चाहिये ऐसा कहा है। परन्तु चमर लोकपाल की वक्तव्यता में और इसकी वक्तव्यता में जो अन्तर आता है वह राजधानी और सिंहासन के नामकी अपेक्षा ले आता है। इसकी राजधानी को नाम काला और
देवीसहरसं, सेसं जहा घमरलोगपालाण परियारा तहेव" २मा या२ सयमडियामामांनी પ્રત્યેક અમહિષીનો પરિવાર ૧૦૦૦-૧૦૦૦ દેવીઓને છે. બાકીનું સમસ્ત કથન ચમરના લેપાલના કથન અનુસાર સમજવું. કહેવાનું તાત્પર્ય એ છે કે તે પ્રત્યેકઅગ્રમહિષી પિતાની વિટુર્વણા શક્તિથી ૧૦૦૦-૧૦૦૦ દેવીઓની વિકુર્વણું કરી શકે . તેથી પિશાચેન્દ્ર કાળને ૪૦૦૦ નો દેવી પરિવાર થાય छ, २२ मनु त्रुटि वाय छ २मा २ " परिवारो तहेव" यभरना લેકપલના પરિવાર જે તેને પરિવાર કહેવામાં આવ્યો છે. અમરના લોકપાલની વક્તવ્યતા કરતાં પિશાચેન્દ્રની વક્તવ્યમાં જે તફાવત છે, તે રાજધાની અને સિંહાસનના નામમાત્રને જ છે. પિગેચેન્દ્રની રાજધાનીનું નામ કાલા છે અને તેના સિંહાસનનું નામ કાળ સિંહાસન છે. બાકીનું સમસ્ત કથન ચમરના લેકપાલના કયા અનુસાર સમજવું.