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भगवती दशदिवसानिवल्यां, स्थितिपतितायां-पूत्रजन्ममहोत्सवप्रक्रियायाम् , वर्तमा. नायां-मवर्तमानाया , 'सईए य, साहस्सिए य, सयसास्सिए य, जाएय, दाएय, माएय, दलमाणेय, दवावेमाणेय' शतिकांश्च-शतरूप्यकनिष्पद्यमानान्, साहसिकांश्व-सहस्ररूप्यकनिष्पद्यमानान् , शतसाहसिकांच-लक्षरूप्यकनिष्पद्यमानान् , यागांश्च-सत्कारविशेषांश्च, दायांश्च-दानानिच, भागांश्व-विविक्षितद्रव्यांशान, ददच्च, दापयंश्च 'सएय, सादस्सिएय, सयसाहस्सिएय, लंमे पढिच्छेमाणे, पतिच्छवेमाणे एवं विहरइ' शतंच, साहस्रंच, शतसाहसंव-लक्षश्च लाभं प्रतीच्छन्स्वीकुर्वन् , प्रत्येषयन्-स्वीकारयन् एवं-पूर्वोक्तरीत्या विहरति-तिष्ठति । 'तपणं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं करेंति' ततः खल तस्य दारइस तरह से १० दिन तक चालू रहे इस पुत्रजन्मोत्सव में 'सईए य,. साहस्मिए य, सयसाहस्सिए य, जाए य, दाए य, भाए य, दलमाणेय, दवावेमाणे य' बलराजा ने एक सौ रूपियों के द्वारा किये जाने योग्य, हजाररूपियों के द्वारा किये जाने योग्य और एक लाखरूपियों के द्वारा किये जाने योग्य सत्कार विशेषों को स्वयं किया और करवाया दानों को स्वयं दिया और दिलवाया तथा-विवक्षित द्रव्यांशों को भी स्वयं दिया और दिलवाया 'सएय साहस्तिए य सयसाहस्सिए य लंमे, पदिच्छेमाणे, पडिच्छावमाणे एवं विहरइ' तथा सौरूपियों के, हजार रूपियों के एवं एक लाख रूपियों के हुए लाभ को स्वयं स्वीकार किया; दूसरों को भी स्वीकार करवाया। इस तरह से उसने १० दिनतक बड़े मानन्द के साथ ठाटपाट से पुत्रजन्मोत्सव किया इस उत्सव में तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं करेंति' उस बालक के सयसाइस्सिए य जाए य, दाए य, भाए य, दलमाणे, य, दवाबमाणे य" से ४31 રૂપીઆ દ્વારા કરવા યોગ્ય, હજાર રૂપીઆ દ્વારા કરવા એમ, અને લાગે રૂપીઆ દ્વારા કરવા રેગ્ય સત્કારવિશે પિત કર્યા અને અન્યની પાસે કરાવ્યાં, પિતે દાન દીધાં અને અન્યની પાસે દાન દેવરાવ્યાં, તથા વિવાહત (अभु४) द्रव्यां पाते माया भने मन्यनी पासे भा०यां, "मएम साहस्सिए य सयसोहस्सिए य लभे, पडिच्छेमाणे, परिच्छावेमाणे एवं विहरइ" તથા આ પુત્રજન્મોત્સવ દરમિયાન બલરાજાએ સેંકડે રૂપીઆના, હજારો રૂપીઆના લાખ રૂપીઆના લાભને સ્વયં સ્વીકાર કર્યો અને અન્યને પણ એ પ્રકારનો લાભ પ્રાપ્ત કરાવ્યું. આ રીતે દસ દિવસ માટે પૂરેપૂરા આનંદ भने माथी पुत्रीमात्रामा मा०या. मा सपना "तस्स