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अपरिकलित
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अपवाचक
अपरिकलित-सं० (वि०) 1 अज्ञात 2 अदृष्ट
| अपरिष्कृत-सं० (वि०) 1जो साफ न किया गया हो अपरिक्रम-सं० (वि०) 1 चलने में असमर्थ 2 परिश्रम न । 2 असंस्कृत करनेवाला
अपरिसर-I सं० (वि०) 1 निकट नहीं 2 अप्रशस्त II (पु०) अपरिगणित-सं० (वि०) 1 अनगिनत 2 जिसकी सूची में विस्तार का अभाव गणना न की गई हो
अपरिसीम-सं० (वि०) 1 बेहद 2 बिना हदबंदी का अपरिगण्य-सं० (वि०) अनगिनत
अपरिहरणीय-सं० (वि०) = अपरिहार्य अपरिगत-सं० (वि०) 1 अज्ञात 2 अप्राप्त
अपरिहार-सं० (पु०) अनिवारण अपरिगृहीत-सं० (वि०) 1 अस्वीकत 2 त्यक्त
अपरिहारित-सं० (वि०) जिसका निवारण न किया गया हो अपरिग्रह-I सं० (पु०) 1 दान का अस्वीकार 2 आवश्यकता अपरिहार्य-सं० (वि०) 1 अत्याज्य 2 अनिवार्य 3 अवश्यंभावी से अधिक दान न लेना II (वि०) संपत्ति रहित
4 आवश्यक अपरिग्रही-सं० (वि०) दान अथवा अधिक धन स्वीकार न अपरीक्षित-सं० (वि०) 1 जिसकी परीक्षा न हई हो करनेवाला
2 मूर्खतापूर्ण 3 अप्रमाणित अपरिग्राह्य-सं० (वि०) अस्वीकार्य
अपरुद्ध-सं० (वि०) अवैध ढंग से रोका हुआ अपरिचय-सं० (पु०) परिचय का अभाव
अपरुष-सं० (वि०) 1 क्रोध रहित 2 अकठोर अपरिचयी-सं० (वि०) 1जिसकी पहचान न हो 2 जो | अपरूप-I सं० (वि०) 1 कुरूप 2 भद्दा II (पु०) कुरूपता मिलनसार न हो
2 भद्दापन अपरिचित-सं० (वि०) 1 अज्ञात 2 अनभिज्ञ 3 अजनबी अपरेंटिस-अं० (पु०) शिक्षु, शागिर्द । अपरिच्छद-सं० (वि०) 1 वस्त्रहीन 2 खुला 3 फटेहाल, निर्धन अपरोक्ष-सं० (वि०) 1 जो परोक्ष न हो, प्रत्यक्ष 2 जो दूर न हो अपरिछन्न-सं० (वि०) 1 आवरणरहित, निरावरण, नग्न 3 विद्यमान 2 व्यापक
अपरोध-सं० (पु०) वर्जन, निषेध, टोकना अपरिणत-सं० (वि०) 1 अनपका 2 ज्यों का त्यों। ~प्रसव अपरोप-सं० (पु०) 1 उन्मूलन 2 राज्यच्युति (पु०) कच्चा भ्रूण बाहर आना
अपर्णा-सं० (स्त्री०) वह जिसने पत्ते तक (खाने) छोड़ दिये अपरिणय-सं० (पु०) 1 चिरकौमार्य 2 विवाह न करना पार्वती अपरिणाम-सं० (पु०) विकार रहित होना । ~दी (वि०) । अपर्यंत-सं० (वि०) असीम, अपरिमित
अपर्याप्त-सं० (वि.) 1 जो पर्याप्त न हो 2 अधरा 3 अयोग्य अपरिणामी-सं० (वि०) जो बदले नहीं, एकरस
अपर्याप्ति-सं० (स्त्री०) 1 पूर्णता का अभाव 2 अक्षमता अपरिणीत-सं० (वि०) अविवाहित
अपर्याय-I सं० (वि०) क्रमहीन || (पु०) 1क्रमहीनता अपरिपक्व-सं० (वि०) जो पका नहीं, अधकचरा, कच्चा । 2 असमानार्थ अपरिपक्वावस्था-सं० (स्त्री०) 1 कच्ची हालत 2 कच्ची उम्र अपलक-1 सं० (क्रि० वि०) एकटक II (वि०) जिसकी अपरिभाषित-सं० (वि०) जिसकी परिभाषा निश्चित न की गई हो पलकें न गिरें अपरिमाण-I सं० (वि०) अपरिमित II (पु०) मात्रा का अपलक्षण-सं० (पु०) 1 अशुभ या बुरा लक्षण अभाव
2 अतिव्याप्ति-दोषयुक्त लक्षण अपरिमार्जित-सं० (वि०) अनमांजा, गंदा
अपलाप-सं० (पु०) 1 छिपाना 2 बात बनाना 3 बकबक अपरिमित-सं० (वि०) 1 बे-हद 2 बे-हिसाब, अगणित अपलापी-सं० (वि०) अपलाप करनेवाला, बकवासी 3 अत्यधिक
अपलाभ-सं० (पु०) अनुचित रूप से प्राप्त लाभ अपरिमेय सं० (वि.) 1जिसकी नाप तौल न हो सके अपलेखन-सं० (पु०) बट्टे-खाते लिखना 2 अनगिनत
अपवचन-सं० (पु०) निंदा, अपशब्द अपरिवर्त-सं० (वि०) जिसमें फेर बदल न हो सकता हो अपवन-I सं० (वि०) वायु रहित || (पु०) उपवन अपरिवर्तन-सं० (पु०) परिवर्तन न होना। ~वाद (पु०) अपवरण-सं० (पु०) आवरण दूर करना, परदा हटाना यह मत कि जो चल रहा है वही ठीक है
अपवर्ग-सं० (पु०) 1 मोक्ष 2 त्याग 3 दान 4 समाप्ति अपरिवर्तनीय-सं० (वि०) 1 न बदलनेवाला 2 अटल 3 जो अपवर्जन-सं० (पु०) 1 त्याग 2 साग 3 चुकाना बदले में न दिया जा सके
अपवर्जित-सं० (वि०) 1 त्याग किया हुआ 2 दिया हुआ अपरिवर्तित-सं० (वि०) जिसमें कोई परिवर्तन न हुआ हो अपवर्तक-सं० (वि०) हटाने या निकालने वाला अपरिवाद्य-सं० (वि०) भर्त्सना के अयोग्य
अपवर्तन-सं० (पु०) 1 परिवर्तन 2 हटाना 3 कुछ निकाल लेना अपरिवृत-सं० (वि०) 1 जो घिरा न हो 2 अपरिच्छन्न ।
अपवर्तित-सं० (वि०) 1 परिवर्तित 2 पृथक् किया हुआ अपरिशेष-[ सं० (वि०) 1 कुछ शेष न रहनेवाला 2 व्यापक अपवर्त्य सं० (वि०) 1 जिसका अपवर्तन हो सकता हो 2 ग० II (पु०) सीमा का अभाव
गुणज अपरिश्रमी-सं० (वि०) परिश्रम न करनेवाला
अपवहन-सं० (पु०) भटक जाना अपरिष्कार-सं० (पु०) 1 भद्दापन 2 संस्कार का अभाव | अपवहित-सं० (वि०) 1 जो भटक गया हो 2 स्थानांतरित 3मैलापन, गंदगी
अपवाचक-सं० (वि०) चुग़लखोर
अदूरदर्शी