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EFFFFFFFFFFFFFFEEEEEEEEEEEEEEEEP जसे आहत होना-एक दूसरे को पीड़ा पहुंचाना, मारना, दूसरों के निष्प्रयोजन अथवा प्रयोजन :
वाले व्यापार से उत्पन्न होने वाली विराधना की व्यथा सहन करना, नौकर-चाकरों तथा । *गाय-भैंस-बैल आदि पशुओं की दवा और आहार आदि के लिए खोदना, छानना, मोड़ना, 卐 सड़ जाना, स्वयं टूट जाना, मसलना-कुचलना, छेदन करना, छीलना, रोमों का उखाड़ना, पत्ते आदि तोड़ना, अग्नि से जलाना, इस प्रकार (वनस्पतिकाय, पृथ्वीकाय, जलकाय, अग्निकाय व वायुकाय के रूप में) जन्म-परम्परा के (अनेकानेक) दुःखों को भोगते हुए वे हिंसाकारी पापी जीव भयंकर संसार में अनन्त काल तक परिभ्रमण करते रहते हैं।
{236} ते वि य दीसंति पायसो विकयविगलरूवा खुजा वडभा य वामणा य बहिरा काणा कुंटा पंगुला विगला य मूका य मम्मणा य अंधंयगा एगचक्खू विणिहयसंचिल्लया - वाहिरोगपीलिय-अप्पाउय-सत्थबज्झबाला कुलक्खण-उक्किण्णदेहा दुब्बल-卐 कुसंघयण-कुप्पमाण-कुसंठिया कुरूवा किविणा य हीणा हीणसत्ता णिच्चं सोक्खपरिवज्जिया असुहदुक्खभागी णरगाओ इहं सावसेसकम्मा उव्वट्टिया समाणा।
(प्रश्न. 1/1/सू.42) [हिंसा का घोर पापकर्म करने वाले जीव नरक से निकल कर किसी भांति - ॐ मनुष्य-पर्याय में उत्पन्न होते भी हैं, तो] जिनके हिंसादि पापकर्म भोगने से शेष रह जाते है 卐 हैं, वे प्रायः विकृत एवं विकल-अपरिपूर्ण रूप-स्वरूप वाले, कुबड़े, टेढे-मेढे शरीर
वाले, वामन-बौने, बधिर- बहरे, काने, टोंटे-टूटे हाथ वाले, पंगुल-लंगड़े, अंगहीन,
गूंगे, मम्मण-अस्पष्ट उच्चारण करने वाले, अंधे, खराब एक नेत्र वाले, दोनों खराब आंखों 卐 वाले या पिशाचग्रस्त, कुष्ठ आदि व्याधियों और ज्वर आदि रोगों से अथवा मानसिक रोगों
से पीड़ित, अल्पायुष्क, शस्त्र से वध किए जाने योग्य, अज्ञानी-मूढ, अशुभ लक्षणों से
भरपूर शरीर वाले, दुर्बल, अप्रशस्त संहनन वाले, बेडौल अंगोपांगों वाले, खराब संस्थान卐 आकृति वाले, कुरूप, दीन, हीन, सत्त्वविहीन, सुख से सदा वंचित रहने वाले और अशुभ ॥ ॐ दुःखों से युक्त होते हैं।
听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明
अहिंसा-विश्वकोश|1051