Book Title: Ahimsa Vishvakosh Part 02
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication

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Page 562
________________ विषय- शीर्षक 卐 ० जीव दया / प्राणि-रक्षा की अहिंसा की परिणति 卐 1 जीव मात्र के रक्षकः जैन श्रमण 卐 卐 蛋蛋 जीव रक्षा का ध्यानः आदान निक्षेपण व उत्सर्ग समिति जीव-रक्षा में सावधानीः ईर्या समिति जीव-हिंसा का दोषीः मांससेवी 卐 ० जीव - हिंसात्मक कार्यः 卐 आग जलाना व बुझाना जीव-हिंसाः देव-बलि के रूप फ्री में निन्दनीय → जीव-हिंसापूर्ण रात्रिभोजन से विरति जीव - हिंसा व मांस-भोजनः श्राद्ध में अमान्य [ जैन संस्कृति खण्ड /532 श्लोक / उद्धरण संख्या 17-21 1016-1080 992-1001 923-946 628-641 76-77 1033-34 1042-43 1067-1070 161-162 1015 916-922 786-799 866-867 163-164 पृष्ठ संख्या 6-7 408-439 399-402 370-379 267-270 30-32 415 420 435-436 71 407-408 367-370 324-328 353 71-72 5卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐® $$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$和

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