Book Title: Ahimsa Vishvakosh Part 02
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication
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उद्धरण का प्रारम्भिक अंश
उद्धरण पृछ । उद्धरण का संख्या संख्या प्रारम्भिक अंश
उद्धरण पृष्ठ संख्या संख्या
1130 445 453
196
893
360
505
193
444 728 706
305
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418
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663
940
711
परार्थसाधकं त्वेतत्... परिग्गहस्सेव य अठाए... परिग्गहो अपरिमिय... परिग्रहः षड्जीवनिकाय... परिग्रहस्य च त्यागे... परिधय इव नगराणि... परिसुद्वजलग्गहणं... परुसं कडुयं वयणं... पवडते व से तत्थ... पशुपाल्यं ततः प्रोक्तं... पशुहत्यासमारम्भात्... पाईणं पडिणं वा वि... पागब्भि पाणे बहुणं... पाणवधमुसावादा... पाणवहो णाम एसो... पाणाइवायवेरमण... पाणातिवातकिरिया... पाणा देहं विहिंसंति... पाणिवह प्राणिवधः... पाणिवह मुसावाद...
289
190
1043
355
283
पंचहि ठाणेहिं जीवा... 276 125
339 16
499 216 पंचाणुव्वया पण्णत्ता... 66627 पंचिंदिया णं जीवा...
___142
306 _143 पंचिन्दिया णं जीवा असमारभ...351 163
352 164 पंचेव अणुव्वयाई...
276 पइण्णवाई दुहिले... 385 173 पच्चक्खायंमि इहं... 697 पञ्चानां पापानाम्... 774 ___321
874 पडिलेहणं कुणन्तो... 1032 415 पढमे दंडसमादाणे... 290 -131 पढमं भंते महव्वयं...
359 पढमं होइ अहिंसा... 346 161 पढमे भंते! महव्वए...
358 पन्ने अभिभूय सव्व... 850 344 पभू दोसे णिराकिच्या... 1081 पयई व कम्माणं... 542 240 पयण-पयावण-जलावण...... 518 226 पयस्यगाधे विचरन्...
218 पयस्विन्या यथा क्षीरम्... 459 199 परं हन्मीति संध्यातं...
17 परदव्वहरणमेदं... परद्रव्यग्रहार्तस्य... 467 202 परपरितावपवादो... परपीडेह सूक्ष्माऽपि... परमाणोः परं नाल्पं... 370 169 परशुकृपाणखनित्र... 750 314 परसंतावयकारण... 950 381 परस्स दाराओ जे... 478
889
672 192 945 61 865
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503
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202
पाणिवहेहि महाजस...
595 पाणे य नाइवाएजा... 839
1029 पाणो वि पाडिहेरं... 684 पादोसिय अधिकरणिय... पादोसिया णं भंते... पापवत्स्वपि चात्यन्तं... 547 पापविसोत्तिग परिणामवज्जणं... 709 पापोपदेश आदिष्टो... 735 पापोपदेशहिंसादान... 733 पारितावणिया णं भंते... 67 पार्थिवैर्दण्डनीयाश्च... 190
233
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103 334
820
97
308
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82
अहिंसाविश्वकोश/561]

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