Book Title: Ahimsa Vishvakosh Part 02
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication
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तत्थ खलु भगवता परिण्णा... 1036 417 तत्थ णं जे ते समणा... 241 107
342 157 तत्थ पढमं अहिंसा... 328 152 तत्थ पढमं अहिंसा जा... 1948 तत्थिमं पढमं ठाणं... 317 147
1088 तत्पदोपान्तविश्रान्ता...
1138
459 तत्र अहिंसाव्रतमादौ... 356 165 तत्र पक्षो हि जैनानां... 710 298 तत्र प्राणवियोगकरणं... 886 358 तत्रााकामकृते शुद्धिः... 710 तत्राहिंसा कुतो यत्र...
191 तत्रोपतापकः क्रोध... तत्सत्यमपि नो वाच्यं... 410 181 तद्वत्कथाप्रीतियुता... 1127 458 तद्वच्च न सरेव्यर्थं... 749 ___313 तध रोसेण सयं... 539 239 तनुरपि यदि लगा... तन्नास्ति जीवलोके... 366 तपःश्रुतयमज्ञान... 360 166 तपःश्रुतयमोधुक्त...
1163 तपोगुणाधिके पुंसि... 1146 463 तपोनुभावादस्यैवं...
462 तपोमयः प्रणीतोऽनि... 15669 तपोयमसमाधीनां... 226 102 तप्पज्जायविणासो...
704 294 तमाइक्खइ एवं खलु चउहिं... 74 125 तमेव धम्मं दुविहं... 866 353 तम्हा एयं वियाणित्ता... 1025 412
1043 1044 421 1058430
1060
1071 तम्हा तेण न गच्छेजा... 938 तम्हा ते न सिणायंति... 1045 तम्हा नेव निवित्ती... 700 तम्हा विसेसिऊणं...
697 तम्हा सव्वेसिं चिय... 186 तवो जोई जीवो जीव... 154 तसकायं न हिंसंति... 1071 तसकायं विहिंसंतो... 1071 तसघादं जो ण करेदि... तसपाणघायविरई... तसपाणे वियाणित्ता... 388 तसभूयपाणविरई... 697 तसाणं थावराणं च... 1099 तसे पाणे न हिंसेजा... 1095 तस्स इमा पंच भावणाओ... तस्स भंते! पडिकमामि... तस्स य णामाणि इमाणि... 193 तस्स य पावस्स... तस्सिमाओ पंच भावणाओ... तह जाण अहिंसाए... तहप्पगारेहिं जणेहिं... 860 तहागयं भिक्खुमणंत... तहेव काणं काणेत्ति... 948 तहेव फरुसा भासा... 948 तहेव भत्तपाणेसु...
1041 तहेव सावज्जणुमोयणी... 958 तहेव हिंसं अलियं... ताणि ठाणाणि गच्छंति... 331 तालियंटेण पत्तेण...
1058
1077 तितीर्षति ध्रुवं मूढ... 143
945
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212
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27
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9
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Y EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE [जैन संस्कृति खण्ड/58

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