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कालिदास पर्याय कोश
15.
शैल - पुं [ शिलाः सन्त्यत्रेति । शिला+ज्योत्स्नादित्वादण् ] पर्वत । प्रजापतिः कल्पित यज्ञ भागं शैलाधि पत्यं स्वयमन्वतिष्ठत । 1/17 हिमालय को स्वयं ब्रह्मा जी ने उन पर्वतों का स्वामी बना दिया, जिन्हें यज्ञ में भाग पाने का अधिकार प्राप्त है।
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शैलः संपूर्णकामोऽपि मेनामुखमुदक्षत। 6 / 85
हिमालय इससे सहम गये, फिर उत्तर पाने के लिए मेना की ओर देखा । 16. शैलगुरु : - पर्वतराज हिमालय पर्वत ।
तस्याः करं शैल गुरुपनीतं जग्राह ताम्राङ्गुलिमष्टमूर्तिः । 7/76
हिमालय के पुरोहित ने पार्वती जी का हाथ आगे बढ़ाकर शंकर जी के हाथ पर रख दिया।
17. शैलाधिराज :- पर्वतराज हिमालय पर्वत ।
मूर्द्धानमालि क्षिति धारणोच्चमुच्चैस्तरं वक्ष्यति शैलराजः । 7/68
पृथ्वी धारण करने से उनका सिर वैसे ही ऊँचा था उस पर अपने मनचाहे वर शंकरजी से सम्बन्ध करके उनका सिर और भी ऊँचा हो जाएगा।
18. हिमवान
हिमालय पर्वत ।
प्रकृत्यैव शिलोरस्कः सुव्यक्तो हिमवानिति । 6 / 51
स्वभाव से ही पत्थर की शिलाओं वाली और पक्की छाती वाला हिमालय ही
है ।
समेत बन्धु हिमवान सुतायां विवाह दीक्षा विधि मन्वष्ठित | 7/1
हिमालय ने अपने भाई बन्धुओं को बुलाकर शंकर जी के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दिया।
19. हिमवन्त : - हिमालय ।
सोऽनुमन्य हिमवन्तमात्मभूरात्मजाविरह दुःखखेदितम् । 8 / 21
हिमालय से जाने की आज्ञा मानी, कन्या को अपने से अलग करने में हिमालय को दुःख तो बहुत हुआ ।
अङ्गव्यय प्रार्थित कार्यसिद्धिः स्थाण्वाश्रमं हैमवतं जगाम् । 3/23
कामदेव इस निश्चय के साथ कि प्राण देकर भी देवताओं का काम करूँगा, उधर चला जिधर शिवजी तपस्या में बैठे थे ।
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