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वैद्यक विद्याके आविष्का ये ही माने जाते है । नामत्यौं भी इनका नाम है।
अधिनौ के सम्बन्धमें निम्न लिखित बातें वेदमें हैं। (१) वृद्ध म्यवन ऋपि को इन्होंने युधा बना दिया था। (२) समुद्र पतित मुज्यु को समुद्र से पार उतारा ।
(३) पानी में पड़े हुये रेभ को अच्छा किया और उसको बाहर निकाला।
(४) एक क्त्तक की घृक से रक्षा की । (५) खाई में पड़े हुये अत्रि को अन्धकार से बाहर निकाला। () वधीमति को हिरण्यहस्त नामक पुत्र प्रदान किया।
6) शग्य की बद्ध गाय को मारने वाली बना दिया। (८) यटु को एक घोड़ा दिया । इत्यादि।
ग्रीसमें कैम्टर, और पोलक नामके दो देवता माने जाते हैं। ये दोनों प्रकाश और अन्धकार के देवता हैं।
सूर्य ( आदित्य) अथर्ववेद के १३ वे कांड में सूर्य का वर्णन अतीव सुन्दर ढंग से हुआ है. अतः हम यहाँ उसका सारांश देना आवश्यक समझते हैं। क्योंकि उससे सूर्य देवता विषयक बहुत कुछ ज्ञान हो जाता है। इस कांड के प्रथम मूक्त में रोहिन नाम से सूर्य का कथन है। वहां लिखा है कि—(१) रोहित ने ग्राची भूमि को उत्पन्न क्रिया तथा परमेष्ठी ने तन्तु को विस्तत किया।