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अश्विनौ। अश्विनीकुमार भी वैदिक देवताओं में मुख्यदेव है । अतः उन पर प्रकाश डालना भी अलप्यक है। निम्नकार करते हैं किगुस्थानी देवों में अश्विनी प्रथम है।
नत्कावश्विनौ ? द्यावा पृथिव्यावित्येके । अहोरात्रावित्येके । सूर्याचन्द्रमसावित्येके । राजानी पुण्यकृतावित्यति हासिकः ।
अर्थान् , नावापृथिवी का नाम अश्विनी है, यह एक मत है। अन्य ऋषियों का कथन है कि----
दिन रात का नाम अश्विनी है। नथा अन्य सूर्य. चन्द्रमा का नाम बताते हैं।
एतिहासिक ऋषियों का कथन है कि आश्वनी पुण्यात्मा राजा हुये हैं।
श्रामग्र ग्रन्थ कहते हैं किश्रोत्र अश्विनों । नासिके अश्विनी ।। शत०१शह! अश्विनी चैं देवानां भिवजी ।। ऐ० १ । १८ स योनी रा अश्विनी ।। शत० ५। ३ ! १।८ गर्दभरथेनाश्विना उदजयताम् ।। ऐ.० ४ । ६॥
ऋ० १।११६ में भी अधीन्-श्रोत्र वा नासिका आदि का नाम अश्विनी हैं।
थे अश्विनी देवों के बंद्य है। तथा थे मजाल है, ! एवं गर्दभ इनके रथ के वाहन हैं। तथा शतपथ में लिखा है कि-अश्विनी