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बड़ा साना ।
अम्मारी - संज्ञा, ' अम्बारी ' ।
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अम्मा
अम्मा - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० अम्बा ) माता, मां ।
अम्मामा - संज्ञा पु० अ० ) एक तरह का
अयस्कान्त
अय- संज्ञा, पु० (सं० ) लोहा, अस्त्र-शस्त्र, for, न ।
अयथा - वि० (सं० ) मिथ्या, झूट, अतथ्य, योग्य
स्त्री० (दे० ) देखो | अयन - संज्ञा, पु० (सं० ) गति, चाल, सूर्य या चन्द्रमा की उत्तर-दक्षिण की थोर गति या प्रवृत्ति, जिसे उत्तरायण और दक्षिणायण कहते हैं, बारह राशियों के चक्र का आधा, राशि -- रा-चक्र की गति, ज्योतिष शास्त्र एक प्रकार का सेनानिवेश, ( क़वायद ) श्राश्रम, स्थान घर, काल. समय श्रंश, अयन के प्रारम्भ में किया जाने वाला एक प्रकार का यज्ञ, दूधवाली गाय या भैंस के थन का ऊपरी भाग, मार्ग, रास्ता ।
प्रान्त - संज्ञा, पु० (सं० ) खटाई, तेज़ाब | वि० वट्टा, तुर्श ।
प्रस्तजन संज्ञा पु० दे० ( ० प्राक्सिजन ) एक प्रकार की प्राणप्रद गैस या वायु । अम्लपित्त संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) पित्तप्रकोप तथा उसके कारण भोजन को खट्टा कर देने और अनपच उत्पन्न करने वाला रोग विशेष ।
अम्लवेत - संज्ञा, पु० ( दे० ) श्रमलबेत, एक प्रकार की औषधि, जो कुछ खट्टी होती है ।
अम्लमार - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) काँजी, चूक, अमलबेत, हिंताला, आमला सार गंधक, सार, (दे० ) । अम्लान - वि० (सं० ) जो मलिन न हो, निर्मल, स्वच्छ, साफ़, शुद्ध, जो उदास या नमन न हो, प्रसन्न, मलिनता-रहित,
अकल्मष ।
भा० संज्ञा, स्त्री० प्रम्लानता प्रसन्नता, निर्मलता । अम्ती-संज्ञा, स्त्री० ( सं० अम्ल + ईहि प्रत्य० ) श्रमिली । (दे० ) इमली, तितिड़ी । (दे० ) एक प्रकार का पेड़ और फल ।
म्हौरी -संज्ञा स्त्री० दे० (सं० ग्रम्भसर + - हि० प्र०) गर्मी की ऋतु में पसीने के कारण निकलने वाली छोटी छोटी फुंसियाँ, अन्हौरी, अँधौरी (दे० ), धमौरी ( दे० प्रान्ती ० ) ।
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अयं - सर्व ० ( सं० ) यह, ऐसा । " अयंनिजः परोवेत्ति " 1
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पेन (दे० ) ।
अयन काल - संज्ञा, पु० यौ ० ( सं० ) एक यन में लगने वाला समय, छः महीने
का काल ।
प्रयन संक्राति संज्ञा, पु० (सं० ) मकर और कर्क की संक्रान्ति, श्रयन-संक्रान्ति | अयन-संयात - संज्ञा स्त्री० यौ० (सं०) कर्क और मकर की संक्रान्ति, श्रयन - संक्रमण | प्रयन-संयात - संज्ञा, यौ० (सं० ) पु० नाशों का योग ।
यश-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) अपयश. अपकीर्ति, निन्दा, बदनामी ।
जस (दे० ) ।
यशस्कर - वि० (सं० ) अपयशकारी. कीर्तिकर |
प्रयशकारक प्रथशकारी - वि० (सं० ) कर्तिकारक शकारी, जिससे बद
नामी हो । अशी - संज्ञा, पु० (सं० ) बदनाम. अपयशी, जसी (दे० ) 1
अयस्कान्त - संज्ञा, पु० (सं० ) चुम्बक पत्थर, जो लोहे को अपनी आकर्षण शक्ति से खींच लेता है ।
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