Book Title: Namo Purisavaragandh Hatthinam
Author(s): Dharmchand Jain and Others
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
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प्रथम खण्ड : जीवनी खण्ड
आचार्यप्रवर ने विद्वानों को उद्बोधन देते हुए फरमाया कि वे जैन शास्त्र और श्रद्धा को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक चिन्तन प्रस्तुत करें, धर्म-परम्परा के लिए विघटन या विध्वंस की नीति न रखकर निर्माणात्मक-रक्षणात्मक नीति का उपयोग करें, इतिहास के भ्रान्त विचारों का निराकरण करें, स्वाध्याय का प्रचार करें और स्वयं शास्त्र-ग्रन्थों का अध्ययन करें। श्री फकीर चन्द जी मेहता ने विद्वत् परिषद् के अन्तर्गत जैन दिवाकर जन्म-शताब्दी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 'जैन दिवाकर स्मृति व्याख्यानमाला' आयोजित कराने की घोषणा की। परिषद् का कार्यालय जयपुर रखा गया।
चातुर्मास में प्यारचंद जी रांका सैलाना वालों ने सपरिवार सेवा का लाभ लिया। अनेक भाइयों ने सदार || शीलवत अंगीकार किया। प्रात: तत्त्वार्थसूत्र एवं दोपहर में व्यवहार सूत्र का वाचन-विवेचन चला।
१२ से १४ नवम्बर १९७८ तक अ.भा. श्री जैनरत्न हितैषी श्रावक संघ जोधपुर, सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल | जयपुर अ.भा. श्री जैन रत्न युवक संघ एवं अ.भा. श्री महावीर जैन श्राविका समिति के अधिवेशन सानंद सम्पन्न हुए। जोधपुर से अधिवेशन के अवसर पर भोपालगढ निवासी सुज्ञ श्रावक श्री जोगीदासजी बाफना के सुपुत्र श्री सुगनचन्द बाफना के सौजन्य से ५५० सदस्यों की विशेष ट्रेन आई तथा जयपुर आदि क्षेत्रों से भी अनेक बसें आई।
चातुर्मास में श्री भंवरलाल जी बाफना, श्री बादलचन्दजी मेहता, श्री बस्तीमलजी चोरडिया, श्री फूलचन्दजी जैन, हस्तीमलजी आदि की उल्लेखनीय सेवाएं रही। श्राविकाओं में श्रीमती हीरा बहन बोरदिया एवं श्रीमती भुवनेश्वरी देवी भण्डारी का उत्साह प्रशंसनीय रहा। • उज्जैन में धर्मजागरण
मार्गशीर्ष कृष्णा प्रतिपदा को जयघोष के नारों के साथ आचार्य श्री का चातुर्मास स्थल से विहार हुआ। चरितनायक न्यू पलासिया स्वाध्याय भवन, महावीर नगर, क्लर्क कालोनी, जानकी नगर, स्नेहलता गंज, भंवरसला, धर्मपुरी, तराणा सांवेर, पिपलाई आदि विभिन्न क्षेत्रों को पावन करते हुए १ दिसम्बर १९७८ को फ्रीगंज होकर मध्याह्न में उज्जैन के महावीर भवन में पधारे।
कालिदास की प्रिय नगरी अवन्ती (उज्जैन) की पुण्यभूमि में २ दिसम्बर को आचार्य श्री के दर्शनार्थ पंजाब से विरक्त बंधु श्री राजेन्द्र कुमार एवं श्री राकेश कुमार (पं. रत्न श्री सुदर्शन मुनिजी म.सा. के सान्निध्य में अध्ययनरत) उपस्थित हुए। सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल जयपुर के अध्यक्ष श्री उमरावमल जी ढड्डा अजमेर, श्री चुन्नीलाल जी ललवाणी जयपुर तथा श्री समर्थमल जी बम्ब जयपुर ने आचार्य श्री की सेवा का लाभ लिया। अ.भा. श्री साधुमार्गी जैन संघ के प्रमुख श्रावकों श्री गणपतराजजी बोहरा, श्री सरदारमलजी कांकरिया , श्री पी.सी. चौपड़ा एवं श्री गुमानमलजी चोरड़िया का शिष्टमण्डल सेवा में उपस्थित हुआ।
महागढ़ का चातुर्मास सम्पन्न कर श्री छोटे लक्ष्मीचन्दजी म.सा. आदि ठाणा ३ तथा जानकीनगर इन्दौर का चातुर्मास सम्पन्न कर महासती श्री सायरकंवरजी म.सा. आदि ठाणा ४ का भी पदार्पण उज्जैन में हुआ। १४ दिसम्बर को आचार्य श्री नानालालजी म.सा. के शिष्य श्री प्रेममुनि जी आदि ठाणा ३ ने भोपाल का चातुर्मास सम्पन्न कर उज्जैन में आचार्य श्री का सान्निध्य लाभ लिया। आचार्यश्री के सान्निध्य में १९वें तीर्थंकर भगवती मल्लिनाथ के जन्म-कल्याणक महोत्सव के अवसर पर सामायिक-स्वाध्याय, दया-पौषध, तप-त्याग आदि धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इस अवसर पर स्थानीय संघ प्रमुखों ने स्वाध्यायशाला प्रारम्भ करने का निश्चय किया। आध्यात्मिक अभिरुचि