Book Title: Namo Purisavaragandh Hatthinam
Author(s): Dharmchand Jain and Others
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
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पंचम खण्ड : परिशिष्ट
शकुन्तलाजी जैन हैं।
___आपने वि.सं. २०४६ वैशाख शुक्ला सप्तमी को मदनगंज (किशनगढ़) में महासती श्री तेजकंवरजी म.सा. (श्री | निर्मलावतीजी म.सा.) की निश्रा में भागवती दीक्षा अंगीकार की।
आपकी थोकड़े सीखने-सिखाने में विशेष रुचि है। • महासती श्री शशिकलाजी म.सा.
आपका जन्म रायचूर (कर्नाटक) में वि.सं. २०२४ मार्गशीर्ष कृष्णा द्वितीया, रविवार दिनांक १९ नवम्बर १९६७ | को हुआ। आपके पिता श्री पुखराजजी बाफना तथा माता श्रीमती उमरावकंवरजी हैं। आपके माता-पिता वर्तमान में मद्रास में निवास करते हैं।
आपने २२ वर्ष की आयु में वि.सं. २०४६ माघ शुक्ला षष्ठी गुरुवार १ फरवरी १९९० को पीपाड़ शहर में शासन प्रभाविका महासती श्री मैनासुन्दरीजी म.सा. की निश्रा में भागवती दीक्षा अंगीकार की।
दीक्षित होकर आपने अनेक थोकड़ों एवं शास्त्रों का अध्ययन किया है। • महासती श्री विनीतप्रभाजी म.सा. ___आपका जन्म गंगापुर सिटी (सवाईमाधोपुर) में वि.सं. २०३२ मार्गशीर्ष कृष्णा चतुर्थी को हुआ। आपके पिता || श्री मनोहरलालजी जैन पल्लीवाल तथा माता श्रीमती पुष्पादेवी हैं।
आपने १४ वर्ष की आयु में वि.सं. २०४६ माघ शुक्ला षष्ठी गुरुवार १ फरवरी १९९० को शासन प्रभाविका | परम विदुषी महासती श्री मैनासुन्दरीजी म.सा. की निश्रा में भागवती दीक्षा अंगीकार की।
आप सेवाभावी एवं शान्त स्वभावी महासती हैं।