Book Title: Namo Purisavaragandh Hatthinam
Author(s): Dharmchand Jain and Others
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
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धन्यवाद-साधुवाद
अध्यात्मयोगी, चारित्र-चूडामणि, प्रतिपल स्मरणीय, परमाराध्य पूज्य गुरुदेव आचार्यप्रवर श्री १००८ श्री हस्तीमल जी म.सा. इस युग के प्रभावशाली युगमनीषी आचार्य रहे हैं। उनसे लाखों श्रद्धालु भक्त जीवन-निर्माण की दृष्टि से उपकृत हुए हैं। वे एक सम्प्रदाय के आचार्य होकर भी जन-जन के हृदय में विराजित महापुरुष थे। गुरुदेव के विचार, आचार एवं साधना सबके लिए प्रेरणासागर हैं, इसी विचार को केन्द्र में रखकर "नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं" ग्रन्थ का प्रकाशन किया गया है।
ग्रन्थ के लेखन एवं सम्पादन का कार्य विद्वद्वर्य डॉ. धर्मचन्द जी जैन एवं सम्पादक मण्डल के सदस्यगण सर्व श्री ज्ञानेन्द्र जी बाफना, श्री प्रसन्नचन्द जी बाफना, डॉ. (श्रीमती) मंजुला जी बम्ब एवं डॉ. (श्रीमती) सुषमा जी सिंघवी के सुयोग्य हाथों से हुआ है। सम्पादक-मण्डल के स्तुत्य सत्कार्य की मुक्तकण्ठ से प्रशंसा करते हुए हमारी ओर से एवं अखिल भारतीय श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई।
आचार्य भगवन्त की जीवनी व्यक्तिगत स्तर पर प्रकाशित करवाने के लिए संघ-सेवी श्रावक उत्सुक थे, पर आचार्य श्री हस्ती जीवन-चरित्र प्रकाशन समिति के अध्यक्ष श्री ज्ञानेन्द्र जी बाफना का यह सुझाव था कि गुरु हस्ती के उपकारों से हम सब उपकृत रहे हैं, अतःजीवनी प्रकाशन में जो भी सहयोग करना चाहें उनका सहर्ष समान सहयोग स्वीकार किया जाना चाहिए। संघ स्तर पर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर गुरुभ्राताओं से निवेदन किया गया कि वे अपने नाम प्रकाशन सहयोगी के रूप में दें। जोधपुर, जयपुर, मुम्बई, चेनई, बैंगलोर, जलगांव आदि विभिन्न क्षेत्रों के गुरुभ्राताओं के नाम सहर्ष प्राप्त हुए हैं। हम सहयोग प्रदान करने वाले सभी गुरुभ्राताओं का हार्दिक साधुवाद-धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
परमपूज्य गुरुदेव के अनन्य श्रद्धानिष्ठ, संघनिष्ठ सम्पादक-मण्डल द्वारा ग्रथित-सम्पादित "नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं" को आपके कर-कमलों में सौंपते हुए हमें प्रमोद का अनुभव हो रहा है। स्वाध्यायमनीषी महापुरुष की इस जीवनी का स्वाध्याय श्रद्धालुओं व पाठकों के जीवन में परिवर्तन का पाथेय बने, यही मंगल भावना है।
मोफतराज मुणोत कैलाशचन्द हीरावत सुमेरसिंह बोथरा नवरतन डागा पारसचन्द हीरावत संयोजक-संरक्षक मण्डल
अध्यक्ष
कार्याध्यक्ष महामंत्री कोषाध्यक्ष अखिल भारतीय श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक