Book Title: Namo Purisavaragandh Hatthinam
Author(s): Dharmchand Jain and Others
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
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पंचम खण्ड
परिशिष्ट
प्रथम चार खण्डों में अविभक्त सामग्री का समावेश इस खण्ड में किया गया है। इसमें चार परिशिष्ट हैं- 1. चरितनायक की साधना में सहयोगी प्रमुख साधक महापुरुष 2. चरितनायक के शासनकाल में दीक्षित सन्त-सती 3. कल्याणकारी संस्थाएँ और 4. आचार्यप्रवर के 70 चातुर्मास : एक विवरण |
प्रथम परिशिष्ट में पूज्य चरितनायक के गुरुदेव आचार्यप्रवर श्री शोभाचन्द्र जी म.सा., शिक्षा गुरु स्वामीजी श्री हरखचन्द जी म.सा., संघ-व्यवस्थापक श्री सुजानमल जी म. सा., शासन सहयोगी श्री भोजराजजी म.सा. एवं पं. रत्न श्री लक्ष्मीचन्द जी म.सा. के योगदान का संक्षिप्त उल्लेख किया गया है। द्वितीय परिशिष्ट में चरितनायक के शासनकाल में दीक्षित होकर साधना में निरतिचार रूप से संलग्न रहने वाले प्रमुख सन्त-सतियों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। तृतीय परिशिष्ट में उन कल्याणकारी संस्थाओं का परिचय है जो चरितनायक के शासनकाल में सुज्ञ, विवेकशील एवं जागरूक श्रावकों द्वारा उपकार की भावना से स्थापित की गई हैं। अन्तिम परिशिष्ट में चरितनायक पूज्य गुरुदेव के 70 चातुर्मासों की सारिणी है, जिसमें शासनकाल की प्रमुख घटनाओं एवं गच्छ के संतों के चातुर्मासों की भी सूचना संकलित है।