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आगम के अनमोल रत्न
इस प्रकार अनेक प्रश्नोत्तर के बाद भी मुनि के उपदेश का असर उसपर कुछ भी नहीं पड़ा। हारकर मुनि अन्यत्र विहार कर गये ।
कुछ दिनों के बाद एक ब्राह्मण कुल को उसने आग्रहपूर्वक भोजन करवाया था । चक्रवर्ती के भोज से ब्राह्मण परिवार को अत्यन्त उन्माद चढ़ गया था। ब्राह्मण को इस बात पर अत्यन्त क्रोध हुआ उसने एक निशाने वाज गोपालक से ब्रह्मदत्त की दोनों आंखे फोड़ दी। इस पर ब्रह्मदत्त अत्यन्त क्रुद्ध हुआ। उसने इसका बदला लेने के लिए सैकड़ों ब्राह्मणों की आखें फोड़ डाली। इस घनघोर पापी कृत्य से व भोगासक्ति से सातसौ वर्ष की आयु में भरकर नरक में गया ।
___ चक्रवतियों के विषय में सामान्य जानकारी- .' चक्रवर्तियों की संख्या
चक्रवर्ती १२ हैं । १ भरत २ सगर ३ मघवा ४ सनत्कुमार ५ शान्तिनाथ ६ कुन्थुनाथ ७ अरनाथ ८ सुभूम ९ महापद्म १० हरिषेण ११ जय १२ और ब्रह्मदत्त । चक्रवर्तियों के पिताओं के नाम
१ ऋषभस्वामी २ सुमतिबिजय समुद्रविजय ४ अश्वसेन ५ विश्वसेन ६ सूर्य ७ सुदर्शन ८ कृतवीर्य ९ पद्मोत्तर १० महाहरि ११ विजय १२ और ब्रह्म चक्रवर्तित्रों की माताओं के नाम
१ सुमंगला २ यशस्वती ३ भद्रा ४ सहदेवी ५ अचिरा ६ श्री ७ देवी ८ तारा ९ जाला १०.मेरा ११ वषा १२ चुल्लणी चक्रवर्तियों के जन्मस्थान
१ वनिता २ अयोध्या ३ श्रावस्ती ४-५-६-७-८ हस्तिनापुर ( इस नगर में ५ पाँच चक्रवर्तियों का जन्म हुआ था ) ९ बनारस .१० काम्बिल्यपुर ११ राजगृह १२ वाम्पिल्यपुर चक्रवर्तियों के ग्राम चक्रवर्तियों के ग्राम ९६-९६ करोड होते हैं। चक्रवर्तियों का वल:
कहा जाता है कि कुंए आदि के तट पर बैठे हुए चक्रवर्ती को