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इतिहास की सामग्री
ग्रीक) तथा पार्थिव ( इंडो-पार्थियन) राजाओं का इतिहास तो केवल सिक्कों के ही आधार पर प्रस्तुत किया गया है।
प्राचीन बौद्ध स्थानों के भग्नावशेष और मूर्तियाँ-प्राचीन बौद्ध स्थानों के भग्नावशेषों से बौद्ध काल का राजनीतिक इतिहास जानने में कुछ विशेष सहायता नहीं मिलती; पर हाँ, उनसे उस समय की गृह-निर्माण-कला का बहुत कुछ पता अवश्य लगता है। इसी प्रकार बौद्ध काल की मूर्तियाँ देखने से उस समय की शिल्प-कला, समाज तथा धर्म का भी कुछ कुछ ज्ञान अवश्य हो जाता है।
इसी सामग्री के आधार पर आगे के अध्यायों में बौद्ध काल का राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, साहित्यिक तथा शिल्पकला संबंधी इतिहास पाठकों के सामने रखने का प्रयत्न किया जायगा।
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