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अनुयोगद्वारसूत्रे है । आठ श्लक्ष्णश्लक्षिणकाओं से एक उर्ध्वरेणु उत्पन्न होता है । (अट्ट. उरेणुओ सा एगा तसरेणु) आठ उर्ध्वरेणुओं से एक त्रसरेणु होता है। (अट्ठतसरेणुओ सा एगा रहरेणू, अट्ठ रहरेणु भो देवकुरुउत्तर कुरूण मणुआणं से एगे बालग्गे) आठ त्रसरेणुओं से एक रथरेणु होता है। आठ रथरेणुभों से देवकुरु और उत्तरकुरू के मनुष्यों का वह एक बालाग्र होना है। ( अट्टदेवकुरु-उत्तरकुरूणं मणुपाणं बालग्गा हरिवासरम्मगवासाणं मणुपाणं से एगे वालग्गे) देवकुरु उत्तरकुरु के मनुष्यों के आठ बालानों से हरिवर्ष और रम्यकवर्ष के मनुष्यों का वह एक वालाग्र होता है । (अट्ट हरिवासरम्प्रगवासाणं मणुस्साणं वालग्गा) हरिवर्ष और रम्यकवर्ष के मनुष्यों के आठ घालायों से (हेमवयहेरपण वयाण मणुस्ताणं से एगे वालग्गे) हैमवत और हैरण्यवत क्षेत्र के मनुमनुष्यों का एक बालाग्र होता है । (अट्ट हेमवयहेरणययाणं मणुस्साणं बालग्गापुव्वविदेह अवरविदेदाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे) हैमवत
और हैरण्यवत के मनुष्यों के आठ बालानों का पूर्व विदेह और अपर विदेह के मनुष्यों का एक बालाग्र होता है। (अट्ठ पुन्वविदेहअवरविदेहाणं मणुस्ताणं वालग्गा भरह एरवयाणं मणुस्ताणं से एगे वालग्गे)
छ. भा४ २०६५दियाथी मे Seva थाय छे. (अट्ठ उड्डरेगुओ सा एगा तसरेणु) मा रेशुमाथा मे स थाय छे. (अटू वखरेणूओ सा एगा रहरेणू. अदरह रेणूओ देवकुरु उत्तरकुरूणं मणुआणं से एगे बालग्गे) मा सरेशुमाथी मे २थरेशु थाय छे. मा २थरेशुमाथी
व भने उत्तना भासेन मे भाला थाय छे. (अट्ट देवकुरु उत्तरकुरूणं मणुयाणं बालमा हरिवासरम्मगवासाणं मणु पाणं से एगे वालग्गे) ११२ ઉત્તરકુરુના માણસેના આઠ વાલાગ્રોથી હરિવર્ષ અને રમ્યક વર્ષના માણસોનું' मे पाय छे. (अद्व हरिवासरम्मगवाखाणं मणुस्साणं वालगा) वर्ष मन २भ्यर्षन मासाना मा पासापोथी (हेमवयहेरण्णवयाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे) पत सन २९५वत क्षेत्रन भासाना में पाया थाय छे. (अटु हेमवयहेरण्णवयाणं मणुस्साणं बालग्गा पुषविदेह अवरविदे. हाणं से एगे वालग्गे) भरत भने २९यवतन मासान मा पासायीधा पूवि भने अ५२विना माणसानु मे पासा थाय छे. (अट्ठ पुत्रविदेहअवरबिदेहाणं मणुस्साणं वालग्गा भरहएरवयाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे) पू व अविना माणसाना मा पासायानु' सरत भने