________________
अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र २२६ चारित्रगुणप्रमाणनिरूपणम्
५६१
मानकेति द्विविधम् । तत्र श्रेणिमारोहतो विशुध्यमानकं सूक्ष्मसम्परायं भवति । श्रेण्याः प्रच्यत्रतस्तु संविश्यमानकं भवति । पञ्चमं यथाख्यातचारित्रगुणप्रमाणम्यथा शब्दो याथातथ्ये, 'आङ्' शब्दोऽभिविधौ यथा = याथातथ्येन आसमन्तात् रूपातम् - यथाख्यातम् - कषायोदयाभावतो निरतिचारत्वात् पारमार्थिकरूपेण ख्यातमित्यर्थः । एतत् प्रतिपात्यप्रतिपातिभेदेन द्विविधम् । तत्र उपशान्तमोहस्य प्रतिपाति भवति, क्षीणमोहस्य त्वप्रतिपाति । अथवेदं छानस्थिकं कैवलिकं चेति यह संक्लिश्यमानक और विशुध्यमानक के भेद से दो प्रकार का होता है । इनमें जो जीवश्रेणी पर आरोहण करता है, उसका सूक्ष्म संपरायचारित्र विशुध्यमानक होता है और जो जीव श्रेणि से च्युत हो जाता है उसका सूक्ष्म पराय चारित्र संक्लिश्यमानक होता है। (अइक्खाय चरितगुणप्पमाणे दुबिहे पण्णत्ते- तं जहा पडिवाई य अप्पड़वाई य, अहवा अहक्खाद्यचरितगुणप्पमा दुविहे पण्णत्ते तं जहाँछउमस्थिए य के लिए य) यथाख्यात चारित्रगुणप्रमाण दो प्रकार का होता है । एक प्रकार है प्रतिपाति और दूसरा प्रकार है अप्रतिपाति । इस चारित्र में कषायोदय नहीं रहता है, उसका सर्वथा अभाव हो जाता है - इसलिये इसमें किसी भी प्रकार का अतिचार नहीं लगता, अतः यह चारित्र पारमार्थिकरूप से प्रसिद्ध हो जाता है- यही यथाख्यात चारित्र शब्द का अर्थ है । इसके दो भेद हैं एक प्रतिपाति और दूसरा अप्रतिपाति । जिस जीव का मोह उपशांत होता है, उसका यह चारित्र प्रतिपाति होता है और जिस जीव का मोह सर्वथा क्षीण हो
એ પ્રકારનું હાય છે. તેમાં જે જીવશ્રેણી પર આણુ કરે છે, તેનું સૂક્ષ્મ સ’પરાય ચારિત્ર વિશુદ્ધમાનક હાય છે, અને જે જીવશ્રેણીથી વ્યુત छे, तेतुं सूक्ष्म सायराय यारित्र सतिश्यमान होय छे. (अहक्खाय चरितगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते- तं जहा- पडिवाईय अप्पडिवाईय अहवा अहक्खायवरितगुणप्पमाणे दुबिहे पण्णत्ते तं जहा - उमत्थिए य के लिए य) યથાખ્યાત ચારિત્ર ગુણ પ્રમાણુ બે પ્રકારનુ હાય છે. એક પ્રતિપાતિ અને ખીજુ મપ્રતિપાતિ. આ ચારિત્રમાં કષાયાયને સદંતર અભાવ રહે છે, તેથી આમાં કાઈપણ જાતના અતિચારની સ્થિતિ ઉપન્ન થતી નથી, એટલા માટે આ ચારિત્ર પારમાર્થિકરૂપમાં પ્રસિદ્ધ થઈ જાય છે. એજ યથાખ્યાત ચારિત્ર शब्डनो अर्थ छे. भेना में अमारो छे, कोड प्रतिपाति भने भीलु मयतिપાતિ જે જીવના માહુ ઉપશાંત હોય છે, તેનુ મા ચારિત્ર પ્રતિપાતિ હોય
अ० ७१