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अनुयोगचन्द्रिका टोका सूत्र २०७ असुरकुमारादीनामायुःस्थितिनिरूपणम् ३०७ सहस्राणि अन्तर्मुहूतानानि । तेजस्कायिकानां जघन्येन अन्त हुर्तम्, उत्कर्षण त्रीणि राभिन्दिवानि भूक्ष्मतेजस्कायिकानाम् औधिकानाम् अपर्याप्तकानां पर्याप्त कानां प्रयाणामपि जघन्येनापि अन्तर्मुहूर्तम, उत्कर्षेणापि अन्तर्मुहूर्तम् । बादरतेजस्कायिकानां जघन्येन अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कर्षेण त्रीणि रात्रिन्दिवानि अपर्याप्तकवादरतेजस्कायिकानां जघन्येनापि अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कर्षणापि अन्तउनकी स्थिति जघन्य से तो अंतर्मुहर्त की है और उत्कृष्ट से भी अन्तमुहूर्त की है। 'पज्जत्तगषादर आउकाइयाणं जहणणं अंतोमुहुतं उक्कोसेणं सत्सवाससहस्साई अंतोमुत्तूणाह' बाद अपूकायिकजीवों में जो पर्याप्तक यादरकायिक जीव है उनकी स्थिति जघन्य से तो अंतर्मुहूर्त की है और उस्कृष्ट से एक अन्तमुहूर्त कम ७ सात हजार वर्ष की है । (तेउकाइयाणं जहणणं अंतो मुहत्तं उक्कासेणं तिण्णि राईदियाई) तेजस्कायिक की स्थिति जघन्य से एक अंतर्मुहर्त की और उत्कृष्ट से तीन अहोरात्र की है। (सुहम. तेउकाइयाणं आहियाणं अपज्जत्तगाणं पज्जत्तगाणं तिण्ह वि जहण्णेण वि अंतोसुकृतं उक्कोसेण वि अंतोमुहत्त) सामान्यरूप से सूक्ष्म तेजस्कायिक जीवों की अपर्यासक. सूक्ष्म तेजस्कायिक जीवों की और पर्या. तक सूक्ष्म तेजस कायिक जीवों की स्थिति जघन्य से भी अन्तर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट से भी अन्तमुहूर्त की है। (बादर तेउकाइयाणं जहण्णण अंतोमुहुत्त उक्को सेणं तिण्णि राईदियाई) जो तेजस्कायिक जीवा में बादर तैजसकायिक जीव हैं.उनकी जघन्य से तो स्थिति एक अंतर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट से तीन अहोरात्र की है । (अपज्जतगयादरतेउकाइयाणं जहण्णेण वि अंगोमुत्तं उक्कोसेण वि अंतो. वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई) मा २ अ५यि
पर्याप्त माह अY. કાયિક જીવે છે, તેમની સ્થિતિ જઘન્યથી તે અંતર્મુહૂર્તની અને ઉત્કૃષ્ટથી से अन्त त म सात २ वर्षी छ. (तेउकाइयाण' जहणेण अंतोमुहत्तं उक्कोसेण तिणि राइंदियाई) तायनी स्थिति धन्यथा मे मत इतनी मन Brgeथी त्रय भरात्र 2ी छ. (सुहुमतेउकाइयाण ओहियाण अपज्जत्तगाण' पज्जत्तगाण तिण्ह विजहण्णे ण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमहत्तं) सामान्य ३५था सूक्ष्म तयि वानी अपर्याप्त सूक्ष्म તેજસ્કાલિક જીવોની અને પર્યાપ્તક સૂમ તેજસ્કાયિક જીવની સ્થિતિ જઘન્યથી પણ અતર્મુહૂની છે અને ઉત્કૃષ્ટથી પણ અતર્મહૃર્તાની છે. (बादर तेउकाइयाणं जहण्णेण अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं' तिण्णि राइंदियाई) ने તેજસ્કાયિક માં બાદર તૈજસ્કયિક જીવે છે, તેમની જઘન્યથી તો સ્થિતિ એક અંતર્મુહુર્તાની છે અને ઉત્કૃષ્ટથી ત્રણ અહેરાત્ર જેટલી છે. (अपज्जनगमादर उकाइयाणं जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतीमु.