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अनुयोगधन्द्रिका टीका सूत्र २०८ क्षेत्रपल्योपमनिरूपणम् क्षेत्रपल्योपमसागरोपमैनास्ति किश्चित्मयोजनम्, केवलं प्रज्ञापना प्रज्ञाप्यते । सदेतद् व्यावहारिक क्षेत्रपल्योपमम् । अथ किं तत् सामं क्षेत्रपल्पोपमम् ! सूक्ष्म क्षेत्रपरयोपमं तद् यथा नामकं पल्यं स्याद् योजनम् आयामविष्कम्भेण, यावत् परिक्षेपेण । तत् खंच पल्यम् ऐकालिकद्वैयहिकत्रैयहिक यावत् भूतं वालाप्रको सागरोपमों से कौन सा प्रयोजन सिद्ध होता है ? (एएहिं वावहरिएहि खेत्तपलिओषमसागरोवमेहिं नस्थि किंचिप्पोयणं) ... उत्तर--इन व्यावहारिक क्षेत्र पल्योपमों एवं व्यावहारिक क्षेत्र सागरोपमों से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होता है। (केवलं पण्णवणापण्णविज्जइ) सिर्फ इनसे. प्ररूपणा ही होती है। (से तं वावहारिए खेत्तपलिओषमे) इस प्रकार यह व्यावहारिक क्षेत्र पस्योपम का स्वरूप है। (से किं तं सुहमे खेत्तपलिओवमे ?) हे भदन्त ! सूक्ष्म क्षेत्र पल्यो पम का क्या स्वरूप है? . उत्तर--(सुष्टुमे खेसपलिभोवमे) सूक्ष्म क्षेत्रपल्यापम (से जहा नामए) इस प्रकार से है-जैसे (पल्ले सिया) कोई एक पल्य कुशल-हो। (जोयर्ण आयामविक्खंभेणं जावं परिक्खेवेणं) वह एक योजन लंखा, १ योजन चौडा और एक योजन गहरा है। उसकी वृत्त-परिधि कुछ अधिक तिगुणी हो। (से णं पल्ले एगाहिय बेयाहिय तियाहिय जाव भरिए बालग्गकोडीण) इस पल्ल में एक दिन दो दिन तीन दिन यावत् ५मा म सागरे५माथी या प्रयोra Cala थाय छै १ (एएहि वात्रहरिएहि खेत्तपलिओवमसागरोवमेहि नथि किचिप्पजोयण)
ઉત્તર–આ વ્યાવહારિક ક્ષેત્રપાપ તેમજ વ્યાવહારિક ક્ષેત્ર સાગરો५माथी ६ ५५ तन प्रयोगननी सिद्धि यती नथी. (केवलं पण्णवणा पण्णविज्जइ) मेमनाथी ५४ ५३५४ 0 राय छे (से तं वावहारिए खेत्तपलिओवमे) मा प्रमाणे मा व्यापार क्षेत्रपक्ष्यापभनु २१३५ छे. (से कित पावहारिए सुहुमे खेत्तपलिओवमे) MED! सूक्ष्म क्षेत्र पस्योपमनुस्१३५ छ?
उत्तर-(सहमे खेतपलिओवमे) सूक्ष्म क्षेत्र पस्योपस (से जहानामए) । प्रभारी रेभ । (पल्ले सिया) ६४ ५६य-शुख-डाय. (जोयर्ण आयामविक्खंभेणं जाव परिक्खेवेर्ण) तसे यान ail, १ योजन પહોળે અને એક જન ઊડે હોય તેની વૃત્ત–પરિધિ કંઈક વધારે ત્રણ भी डाय. (सेणं पल्ले पगाहियबेयाहिय वियाहिय जाव भरिए. बालग. कोडीणं) पयां मे हिस, RG१स, ११ यावत् सात