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अनुयोगद्वारसूत्र मुहूर्तम् । पर्याप्तकवादरतेजस्कायिकानां जघन्येनं अन्तमुहर्तम् , उत्कर्षेण त्रीणि रात्रिन्दिवानि अन्तम हूत्तौनानि । वायुकायिनां जघन्येन अन्तमुहूर्तम्, उत्कर्षण त्रीणि वर्षसहस्राणि । सूक्ष्मवायुकायिकानाम् औधिकानाम् अपर्याप्तकानां पर्याप्तकानां च त्रयाणामपि जघन्येनापि अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कषेणापि अन्त. मुंहतम् । बादस्वायुकायिकानां जघन्येन अन्तर्मुहूर्तम् , उत्कर्षेण त्रीणि वर्षमुहत्त) जो तैजसकायिक जीवों में अपर्याप्तक बादर तैजसकायिक जीव हैं। उनकी जघन्य से भीअन्तर्मुहूत की है और उत्कृष्ट से भी अन्तमुहूर्त की है। (पज्जत्तगवादरतेउकायझ्याणं जहणेणं अंतो मुहुत्त उक्कोसेणं तिणि राइंदियाई अंतोमुहत्तूणाई) तैजसकायिक जीवों में जो पर्याप्तक चादर तैजसकायिक जीव है उनकी स्थिति जघन्य से एकअंतर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट से तो एक अंतर्मुहूर्त कम तीन अहोरात्र की है। (बाउकाइयाणं जहणे. णं अंमो मुटुत्तं उकोसेणं तिणि वासहस्साई) वायुकाधिक जीवों की स्थिति जघन्य से तो अन्तर्मुहर्त की है और उत्कृष्ट से तीन हजार वर्ष की है। (सुहमवाउकाइयाणं ओहियाणं अपज्जत्तगाणं पज्जत्तगाण य तिण्ह वि जहण्णण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वि अंतो मुहत्तं) सामान्य से सूक्ष्म वायुकायिक जीवों की अपर्याप्तक और पर्यातक सूक्ष्मवायुकायिक जीवों की स्थिति जघन्य से और उत्कृष्ट से एक अंतर्मुहूर्त की है । (वादरवायुकाइयाणं जहण्णेण अंतोमुत्तं उक्कोसेणं દુત્ત) જે તેજસ્કાયિક જીવમાં અપર્યાપ્તક બાદર તેજ કાયિક જીવે છે. તેમની સ્થિતિ જઘન્યથી પણ અન્તમુહુર્ત જેટલી છે. અને ઉત્કૃષ્ટથી પણ सन्तभुडूतनी छे. (पज्जत्तगबादरतेउकाइयाण जहण्णेण अंतोमुहत्तं उक्को. खेण तिण्णि राइंदियाई अंतोमुहुत्तणाई) तायि वाम २ पति पार તેજસ્કાયિક જીવે છે, તેમની સ્થિતિ જઘન્યથી તે એક અન્તમુહૂર્ત કમ ત્રણ मात्र २८सी छे. (वउकाइयाण जहाणेण अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण तिण्णि वास. सहस्साई) वायुवि वानी स्थिति धन्यथी तो सन्त इतनी छ भने Bथी त्र १२ वर्ष की छे. (सुहुमवाउकाइयाण ओहियाण अपजत्तगाण' पज्जत्तगाण' य तिण्ह वि जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्त) सामान्यथी सूक्ष्म वायुायि लवानी अ५४ भने पर्याप्त સૂક્ષમ વાયુકાયિક જીવની સ્થિતિ જઘન્યથી અને ઉત્કૃષ્ટથી એક અંતમુહૂત્ત २क्षी छ. (बादरवाउकाइयाण जहण्णेण अंतोमुत्तं उक्कोसेण तिण्णि वास