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अनुयोगद्वारसूत्रे काया उपरितनस्तन्तुस्तेनतुनायेन छिन्ना, स कालः समयो भवति ? गुरुराह-न भवति । कम्मान भवति ? यस्मात् संख्येयानां पक्षमणां-जन्तुमुक्ष्माश्यवानां समुदयसमितिसमागमेन-द्वयादिसमुदायात्मकपक्षमणां सम्यक्संयोगेन एकस्तन्तु. निष्पनो भवति । तत्र तनौ उपरितने पक्षमणि अच्छिन्ने अधस्तनं पक्ष्म छिन्नं न भवति । अन्यस्मिन् काले उपरितनं पक्ष्म छिन्नं भवति, अन्यस्मिन् कालेऽध. स्तनं पक्ष्म छिन्नं भवति, उभये छेदकाले भिन्नः, अतः स समयो न भवति ।
भवह) जितने समय में उस दी के दारक ने उस पशाटिका के .. उपरितन तंतु का छेदन किया है तो क्या हे भदन्त ! वह उपरितन संतु छेदन काल समय है ?
उत्तर-(न भवह) वह समय नहीं है । (करहा) क्यों नहीं है ? (जम्हा संखेज्जाणं पम्हाणं समुदयसमिइसमागमेणं एगे तंतु निष्फजजइ) क्योंकि संख्यात तन्तु सूक्ष्माचयों-रु भों-के समुदाय रूप समिति के संयोग से एक तन्तु निहपान हुआ है। (उरिल्ले पम्हे अच्छिण्णे हे टिल्ले पम्हे न छिज्जह) सो जम्न तक ऊपर का हान छिदा जायगा-तब तक नीचे का रुआं-गोम-नहीं छिद सकता हैं। इसलिये यह मानना चाहिये कि (भगम्मि काले उबरिल्ले पम्हे छिज्जह, अण्णंमि काले हेडिल्ले पम्हे छिज्जइ) भिन्न समय में ऊपर का रोम छिदा है और दूसरे भिन्न समय में नीचे का रोम छिदा है । (लम्हा से प्र ता शिष्य प्रश्न परे छ है-जेण कालेण तेण तुग्णागदारएण तीसे पडसाडया ए वा पट्ट साडिया ए उवरिल्ले तंतू छिण्णे से समए भवइ) रेखा સમયમાં તે દઈના દીકરાએ તે પટ શાટિકા અથવા ૫દ્ર શાટિકાના ઉપરિ. તન તંતુનું છેદન કર્યું છે તે શું છે ભદંત ! તે ઉરિતન તત છેદન કાa સમય છે?
उत्तर-(न भवइ) समय नथी (कम्हा) साय म नथी ? (जम्हा संखेजाण पम्हाण' समुदयसमिइसमागमेण एगे तंतू निफजइ) म સંખ્યાત તંતુ સૂરમાવાના સમુદાયરૂપ સમિતિના સંગથી તે એક તનતુ नापन्न येत छ. (उबरिल्ले पम्हे अच्छिण्णे हेदिल्ले पम्हे न छिज्जइ). तो ત્યાં સુધી ઉપરને રેસો છેદાય નહીં ત્યાં લગી નીચેને રે છેદાય જ નહીં mean भोट मा0 मा भावुन (अण्णम्मि काले उपरिल्ले हे छिज्जद, अण्णमि काले हेट्रिल्ले पम्हे छिज्जह) मिन्न समयमा 6५२न। सोडाया छ भने जीत भिन्न समयमा नीयन। २। हाये। छ. (सम्हा