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अनुयोगद्वारसूत्र एको लवश्च सप्तस्तोकात्मको भवति । अत एकस्मिन् लवे एकोनपञ्चाशदुच्छ्वासनिःश्वाता भवन्ति । तथा-सप्तसप्ततिलवानामेको मुहतों भवति । सप्तसप्तत्या एकोनपश्चाशता गुणने त्रीणि सहस्राणि सप्तशतानि त्रिसप्ततिश्च उच्छ्वासनिःश्वासा लभ्यन्ते । अत एकस्मिन् मुहूर्ते एतावसंख्यका उच्छ्वासनिःश्वासा भान्तीति मूळे-'उस्साह ' इति 'उस्सासनीसास' परम् । 'एएणं मुहुत्तप्पमाचौरासी लाख पूर्वाङ्ग का एक पूर्व होता है । (चउरासीई पुब्बसयसहस्साइं से एगे तुडिगे) चौरासी लाख पूर्व का एक त्रुटिताङ्ग होता है। (चउरासीहं तुडिअंगसयसहस्साइं से एगे तुडिए) चौरासी लाख त्रुटि: ताङ्ग का एक त्रुटित होता है। (चउरासीहिं तुडिअसहस्लाइं से एगे) अडडंगे) चौरासीलाख त्रुटित का एक अडडाङ्ग होता। (चोरासीई अड़डंग सयसहस्साइं से एगे अडडे) चौरासीलाख अडडा का एक अडड होता है । 'एवं अववंगे अबवे, हुअंगे, हुए, उप्पलंगे उप्पले, पउमंगे, पंउमे, नालिणंगे, नलिणे, अच्छनिउरंगे अच्छनिउरे, अऊगे अ उए, पउआंगे पउए, णउअंगे, उए, चूलिअंगे, चूलिया, सीसपहेलिगे चउरासीइं सीसपहेलियंगसयसहस्साई सा एगा सीसपहेलिआ) इसी प्रकार से चौरासीलाख अडड का एक अववाङ्ग चौराली लाख अववाङ्ग का एक अवध, चौरासी लाख अथव का एक हुतुकाङ्गाचौरासीलाख हुहुकान का एक हुहक, चौरासीलाख छुटक का एक उत्पलाङ्ग, चौरासी लाख उत्पलाङ्ग का एक उत्पल, चौरासीलाख उत्पल का एक पद्माङ्ग चौरासीलाख पनाङ्ग का एक पद्म, चौरासी लाख थाय छे. (चउरासीइं पुव्व सयसहस्साई से एगे तुडिअंगे) ८४ ॥म पूजन
से त्रुटिain थाय छे. (चउराखीइं तुडिअंगसयसहस्साइं से एगे तुडिए) ८४ सावटितin १२२ मे त्रुटित थाय छे. (चउरासीहि तुडिअसहस्साई से एगे अडडंगे) ८४ त्रुटित Asin याय छे. (चोरसीई अडडंग सयसहस्साइं से एगे अडडे) ८४ ५ind : 2833 थाय छे. (एवं अववंगे अववे, हुहुअंगे, हुहुए, उप्पलंगे उपले, पउमंगे, पउमे, नलिणंगे, नलिणे, अच्छनिरंगे, अच्छनिउरे, अऊअंगे बजए, पउअंगे पउए, णउअंगे णउए, चूलि अंगे चलिया, सीसपहेलिभंगे चउरासीई सीसपहेलियंगसयसहस्साइं सा एगा सीसपहेलिआ) मा माये ॥ ८४ १७नु से समां, ८४ am અવવાંગનું એક અવાવ, ૮૪ લાખ અવવનું એક હુંકાંગ, ૮૪ લાખ હહુકાંગને એક હક, ૮૪ લાખ હુકનું એક ઉત્પલાંગ, ૮૪ લાખ ઉત્પલાંગનું