________________
चित्र परिचय ४
Jain Education International
Illustration No. 4
मान- प्रमाण के विविध भेद
मान- प्रमाण के दो भेद है - ( १ ) धान्यमान, और (२) रसमान ।
धान्य मापने के साधन, असृति - प्रसृति आदि तथा रस मापने के साधनो का वर्णन सूत्र ३१७ से ३२२, पृष्ठ ५५ से ६४ तक किया गया है।
धान्य मापने के साधन धान्यमान एव रस मापने के साधन रसमान । तौलने के साधन उन्मान, गणना के साधन गणिम तथा सुवर्ण आदि मूल्यवान वस्तुएँ तौलने के साधन प्रतिमान कहे जाते है । प्राचीनकाल मे प्रचलित मान - प्रमाणो के चित्रों की कल्पना आचार्य यशोदेव सूरि जी सम्पादित 'संग्रहणी रत्न' के परिशिष्ट चित्र ६८-६९ के अनुसार है।
- सूत्र ३१७३२२, पृष्ठ ५५-६४
VARIOUS KINDS OF VOLUME MEASURE Volume measure is of two kinds-(1) Volume measure of food-grains, and (2) Volume measure of liquids
The details of means of measuring volume of grains and liquids, such as asruti (handful), have been given in aphorisms 317 to 322 ( pp. 55-64).
The means of measuring volume of grains are called Dhaanyamaan and those used for liquids are called Rasamaan Means of weighing are called Unmaan, those of counting are Ganım and those of weighing precious things are Pratimaan. These illustrations of ancient means of measurement have been conceived on the basis of illustrations included in the book 'Sangrahani Ratna' by Acharya Yashodev Suri ji (illustrations 68-69 in appendix ). -Aphorisms 317-322, pp 55-64
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org