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(26) Niruktih-giving the etymology. The etymology of the term Samayik is based on the following words-samyagdrishti (right perception), amoha (free of fondness), shodhi ( purity), sadbhava (goodwill), darshan (philosophy), bodhi ( enlightenment ), aviparyaya ( absence of ambiguity), sudrishti (good attitude) etc. This means that the complete description of samayik is its etymology. (for more details see Maladhariya Vritti and Commentary by Acharya Atmaram ji M., p. 290-297) (1-2)
सूत्रस्पर्शिक नियुक्त्यनुगम
६०५. से किं तं सुत्तफासियनिज्जुत्तिअणुगमे ?
सुत्तफासियनिज्जुत्तिअणुगमे सुत्तं उच्चारेयब्बं अक्खलियं अमिलियं अवच्चामेलियं पडिपुण्णं पडिपुण्णघोसं कंटोट्ठविप्पमुकं गुरुरवायणोवगयं । तो तत्थ णज्जिहिति ससमयपयं वा परसमयपयं वा बंधपयं वा मोक्खपयं वा सामाइयपयं वा गोसामाइयपयं वा । तो तम्म उच्चारिता समाणे केसिंचि भगवंताणं केइ अत्थाहिगारा अहिगया भवंति, केसिंचि य केइ अणहिगया भवंति, ततो तेसिं अणहिगयाणं अत्थाणं अभिगमणत्थाए पदेणं पदं वण्णइस्सामि
संहिता या पदं चेव, पदत्थो पदविग्गहो ।
चालणा य पसिद्धि य, छब्विहं विद्धि लक्खणं ॥ ३ ॥
सेतं सुत्तफासियनिज्जुत्तिअणुगमे । से तं निज्जुत्तिअणुगमे । से तं अणुगमे । ॥ अनुगमद्वार सम्मत्तं ॥ ६०५. (प्र.) सूत्रस्पर्शिकनिर्युक्त्यनुगम क्या है ?
(उ.) (जिस सूत्र की व्याख्या की जा रही है उस सूत्र के प्रत्येक अंग को स्पर्श करने वाली नियुक्ति का प्रतिपादन करना सूत्रस्पर्शिकनिर्युक्त्यनुगम है।) इस अनुगम में अस्खलित, अमिलित, अव्यत्याम्रेडित, प्रतिपूर्ण, प्रतिपूर्णघोष, कंठोष्ठविप्रमुक्त तथा गुरुवाचनोपगत रूप से सूत्र का उच्चारण करना चाहिए | ( इन शब्दों की व्याख्या सूत्र १४ के अनुसार समझें) इस प्रकार से सूत्र का उच्चारण करने से ज्ञात होगा कि यह स्वसमयपद है, यह परसमयपद है, यह बंधपद है, यह मोक्षपद है अथवा यह सामायिकपद है, यह नोसामायिकपद है। सूत्र का निर्दोष विधि से उच्चारण किये जाने पर कितने ही साधु भगवन्तों को अर्थाधिकार ज्ञात हो जाते हैं, कितनेक को अर्थाधिकार ( तत्त्व का रहस्य )
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र - २
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Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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