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तोरणों की, द्वीपों की तथा समुद्रों की लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई, गहराई और परिधि मापी जाती है।
विवेचन-लोक मे तीन प्रकार के रूपी पदार्थ है - (१) मनुष्यकृत, ( २ ) उपाधिजन्य, और (३) शाश्वत। मनुष्यकृत पदार्थो की लम्बाई, चौडाई आदि का माप आत्मागुल द्वारा होता है । उपाधिजन्य पदार्थ से यहाॅ शरीर का कथन है। इसका माप उत्सेधांगुल के द्वारा किया जाता है। शाश्वत पदार्थों की लम्बाई, चौडाई आदि प्रमाणांगुल के द्वारा मापी जाती है। जैसे नरकभूमियाँ शाश्वत है, उनकी लम्बाईचौडाई मे किचिन्मात्र भी अन्तर नहीं आता, अतः प्रमाणागुल का परिमाण भी सदैव एक जैसा रहता है।
विशेष शब्दों के अर्थ
पृथ्वी - भूखण्ड
काण्ड -१
-भूमि का बडा भाग
- भूतलीय ससार
भवन - भवनपति देवो के आवास
भवन - प्रस्तर- भवनो के मध्यवर्ती अन्तराल भाग
नरक - यमलोक
नरक - पंक्ति- यमलोक की पक्तियाँ
नरक - प्रस्तर - नरको के बीच का भाग
कल्प - वैमानिक देवो के आवास
विमान - ज्योतिष्क और वैमानिक देवो के आवास और यान
विमान - पंक्ति - विमानो की पक्ति
विमान- प्रस्तर -विमानो के बीच का भाग
टंक - एक दिशा मे टूटा हुआ पर्वत कूट - शिखर
शैल - मुंड पर्वत ( शिखररहित पर्वत) परिधि- घेरा
पाताल
शिखरी - शिखर वाले पर्वत
प्राग्भार- कुछ झुके हुए पर्वत
विजय - महाविदेह क्षेत्र
वक्षस्कार - गजदन्त के आकार वाले पर्वत
अवगाहना- प्रकरण
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The Discussion on Avagahana
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